कुल्लू, 30 मार्च 2025: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मणिकर्ण में आज एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें तेज हवाओं के कारण एक विशाल कायल का पेड़ सड़क पर गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में छह लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृतकों में कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। हादसा आज नव संवत के दिन हुआ, जब इलाके में श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही अधिक संख्या में मौजूद थे।
पेड़ गिरने से हुई जान-माल की हानि
घटना मणिकर्ण गुरुद्वारे के पास की सड़क पर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पेड़ तेजी से गिरा और उसके साथ भारी मलबा भी नीचे आ गया। पेड़ गिरने से वहां खड़ी गाड़ियों, रेहड़ी संचालकों और सड़क पर मौजूद लोगों पर गिर पड़ा। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई, और कई लोग घायल हुए हैं।
मणिकर्ण में यह हादसा उस समय हुआ जब तेज हवाओं के कारण पहाड़ी से मलबा और पेड़ नीचे गिरने लगे। पेड़ गिरने की घटना के साथ ही मलबा भी नीचे आया, जिसके नीचे कई लोग दब गए। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया और कई घायल व्यक्तियों को कुल्लू के अस्पताल में भर्ती किया गया।
नेता प्रतिपक्ष का शोक, राहत कार्य में तेजी की अपील
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस दुखद हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि यह घटना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इस हादसे में कई लोगों की अनमोल जान चली गई, और उनके परिजनों के लिए यह एक असहनीय दुख है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह मृतकों को अपने श्री चरणों में स्थान दे और उनके परिजनों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दे।”
जयराम ठाकुर ने इस हादसे के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हो सके, राहत कार्य को प्रभावी तरीके से चलाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटनास्थल पर प्रशासन और स्थानीय पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अधिकारियों के अनुसार, मलबे के नीचे दबे हुए लोगों की तलाश की जा रही है। प्रशासन ने इस बात का आश्वासन दिया है कि किसी भी कीमत पर घायल व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला जाएगा और उन्हें उचित इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
कुल्लू जिले के एडीएम अश्वनी कुमार ने बताया, “हमें अभी तक छह लोगों की मौत की सूचना मिली है और कई लोग घायल हुए हैं। राहत कार्य अभी भी जारी है, और हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके।”
भूस्खलन को बताया गया कारण
इस दर्दनाक हादसे के कारणों के बारे में जांच की जा रही है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि भूस्खलन के कारण पेड़ गिरा और उसके साथ भारी मलबा भी नीचे आ गया। पहाड़ी से गिरने वाले पेड़ के साथ मलबा नीचे आते ही कुछ गाड़ियां और लोग इसकी चपेट में आ गए।
स्थानीय प्रशासन ने मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग करना शुरू कर दिया है। साथ ही, उन्होंने मणिकर्ण क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
घायलों का इलाज जारी
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं बढ़ा दी हैं। सभी घायलों को कुल्लू जिला अस्पताल और आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए हर संभव उपाय किए हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
मणिकर्ण में दुर्घटनाओं के बारे में चेतावनी
मणिकर्ण के इलाके में अक्सर भूस्खलन और पेड़ गिरने जैसी घटनाएं होती रही हैं। मणिकर्ण गुरुद्वारा के पास की सड़क पर पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जहां तेज हवाओं और भूस्खलन के कारण पेड़ गिर चुके हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
मणिकर्ण एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस हादसे से न केवल स्थानीय लोग बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों से भी लोग दुखी हैं। ऐसे में, प्रशासन को पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
आने वाले दिनों में सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा जाएगा
इस दर्दनाक घटना के बाद, राज्य सरकार ने मणिकर्ण और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को सख्त करने का निर्णय लिया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस घटना के बाद मणिकर्ण और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाया जाएगा।