हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री सुखवेंद्र सिंह सुक्खू बतौर वित्त मंत्री आज प्रदेश का बजट पेश करेंगे। यह बजट उनके अपने कार्यकाल की तीसरा बजट होगा। बजट पर पहले भाषण दो बजे रखा गया था लेकिन विपक्ष की आपत्ति के बाद आज सुबह 11 बजे बजट पर भाषण होगा जो कि तीन घंटे तक चलने की उम्मीद है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश का बजट 60 हजार करोड़ के आसपास रहने की संभावना है। बीते साल सरकार ने 58444 करोड़ का बजट पेश किया था। इस बार केंद्रीय मदद में भी भारी कटौती होने वाली है। वहीं, यह बजट पंचायती राज संस्थाओं के चुनावी साल में पेश किया जा रहा है तो स्वाभाविक रूप से यह बजट पंचायतों और ग्रामीण विकास पर केंद्रित होने की आशंका है।
वहीं, प्रदेश सरकार का राजस्व घाटे से उबरना काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। अगले वित्त वर्ष में केंद्र से राजस्व घाटा अनुदान 3,257 करोड़ रह जाएगा, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 11,431 करोड़ रुपये था. यानी 8,174 करोड़ की राजस्व घाटे की खाई को पार करना सरकार के लिए चुनौती होगी।
बता दें कि, हिमाचल प्रदेश की सरकार से जनता को इस बजट से कोई बड़ी उम्मीदें नहीं है क्योंकि, राज्य पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। वहीं, सरकार को इस कर्ज को चुकाने के लिए लोन भी लेना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार का सबसे ज्यादा करीब 2000 करोड़ पैसा हर माह कर्मचारियों और पेंशनरों पर खर्च होता है, बाकी देनदारियां अलग है।