हाथरस जिले के कृतार्थ हत्याकांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस ने मामले में गिरफ्तार स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल सहित अन्य पांच आरोपियों के बयानों में बदलाव किया है। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने पूर्व विवेचक के दबाव में आकर झूठा बयान दिया था, ताकि पुलिस की सख्ती से बचा जा सके। इन आरोपियों ने दावा किया है कि वे घटना के बारे में पूरी सच्चाई छिपा रहे थे और उन्होंने खुद को बचाने के लिए झूठ बोला था।
पूर्व में दिए गए बयान में बदलाव
जिला कारागार अलीगढ़ में जाकर जब विवेचक ने आरोपियों से दोबारा बयान दर्ज किए, तो उन्होंने अपने पुराने बयानों से पलटते हुए पूरी कहानी बताई। स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने बताया कि पहले उन्होंने पुलिस को गलत बयान दिया था क्योंकि उस समय वे बहुत भयभीत थे और उन्हें डर था कि पुलिस उनके साथ मारपीट न करे। बघेल के अनुसार, उन्हें यह कहा गया था कि अगर वे घटना को स्वीकार कर लें तो पुलिस उनसे कड़ी पूछताछ नहीं करेगी और जेल भेजेगी। इस डर के कारण, उन्होंने अपने और अन्य आरोपियों के खिलाफ घटना का इकबाल किया था।
कृतार्थ की मृत्यु का असल कारण
अपने बयान में दिनेश बघेल ने बताया कि कृतार्थ की मृत्यु के समय वह स्कूल के हॉस्टल में मौजूद थे। जब उन्होंने कृतार्थ को देखा, तो वह मरा हुआ था। उन्होंने कृतार्थ की धड़कन और नब्ज चेक की, लेकिन न तो धड़कनें चल रही थीं और न ही नब्ज। शरीर ठंडा हो चुका था। बघेल का कहना था कि उन्होंने कृतार्थ को अस्पताल ले जाने का फैसला किया ताकि यह उनके पक्ष में जाए। वह चाहते थे कि यह घटनाक्रम उनके बचाव में आ जाए। लेकिन, उन्होंने पुलिस या अन्य अधिकारियों को इस बारे में सूचित नहीं किया, क्योंकि स्कूल का आवासीय विद्यालय बिना वैध अनुमति के चल रहा था और शिक्षा विभाग को इसकी सूचना नहीं दी गई थी।
बचाव की साजिश और परिवार को गुमराह करने की योजना
बघेल ने कहा कि उन्होंने स्कूल के अन्य कर्मचारियों और अपने परिवार के लोगों के साथ मिलकर एक योजना बनाई। योजना के तहत, उन्होंने यह तय किया कि कृतार्थ के परिवार को यह बताया जाएगा कि बच्चे की मौत बुखार से हुई थी। उनका उद्देश्य यह था कि कृतार्थ के परिवार वाले यह विश्वास करें कि स्कूल ने कृतार्थ का इलाज कराया था, ताकि वे संतुष्ट होकर बच्चे के शव का अंतिम संस्कार कर दें और कोई भी शक न हो।
मामले में आरोपियों पर किए गए बदलाव
हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में कृतार्थ की हत्या को लेकर पुलिस ने अब अपने दावे में बदलाव किया है। पहले पुलिस ने तंत्र-मंत्र के कारण हत्या की बात की थी, लेकिन अब पुलिस ने कक्षा आठ के छात्र को हत्या का आरोपी बना दिया है। पुलिस का कहना है कि स्कूल में छुट्टी कराने के लिए कक्षा आठ के छात्र ने कृतार्थ की हत्या की थी। पुलिस ने 16 दिसंबर को उस छात्र को गिरफ्तार कर मथुरा बाल सुधार गृह भेज दिया था।
इसके बाद, पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल समेत पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश की धाराएं हटा दी हैं और उन्हें साक्ष्य छिपाने और पुलिस को सूचना नहीं देने का आरोपी बनाया है। इसके बाद, इन आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है।
जांच में मिली नई जानकारी
हाथरस जिले के कृतार्थ हत्याकांड में पुलिस ने अब साक्ष्य के आधार पर जांच में बदलाव किया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश की धाराओं का कोई प्रमाण नहीं मिला है। इस मामले में थाने के अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने कहा कि गवाहों और वादी के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ हत्या और षडयंत्र की धाराएं लागू नहीं की जा सकी। इसके बजाय, उन्हें साक्ष्य मिटाने और अपराध की सूचना न देने का आरोपी बनाया गया है।
कृतार्थ की हत्या का संदेह और कोर्ट में आरोप पत्र
23 दिसंबर को पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र में पुलिस ने 436 पन्नों का दस्तावेज पेश किया और 29 गवाहों के बयान दर्ज किए। इस आरोप पत्र में पुलिस ने कृतार्थ की हत्या को लेकर सभी आरोपियों पर साक्ष्य छिपाने और अपराध की जानकारी न देने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने 18 दिसंबर को विवेचक की ओर से किए गए प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया और आरोपियों के खिलाफ धारा परिवर्तन की अनुमति दी।
न्यायालय में दायर आरोप पत्र और आगामी कार्रवाई
पुलिस ने 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया और न्यायालय में सभी गवाहों के बयान दर्ज किए। अब इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में अगला कदम उठाया जाएगा। मामले की जांच और आरोपियों के खिलाफ आरोपों में बदलाव से यह साबित होता है कि पुलिस की जांच में नया मोड़ आया है और अब मामले की पूरी सच्चाई सामने आ रही है।
कृतार्थ हत्याकांड की गुत्थी अब भी उलझी हुई
हालांकि पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य छिपाने और अपराध की जानकारी न देने का मामला दर्ज किया है, लेकिन कृतार्थ की हत्या के असल कारण अब भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। मामले की पूरी जांच और आरोपों की सच्चाई का पता आने के बाद ही कृतार्थ की हत्या के पीछे की पूरी कहानी उजागर होगी।