हरियाणा का मौसम इस बार बहुत ही असामान्य रहा, खासकर नवंबर महीने में। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 सालों में यह चौथा मौका है जब नवंबर में बारिश नहीं हुई है। इस वर्ष, 2024 में नवंबर महीने में हरियाणा में 100 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई, जो किसानों, मौसम विशेषज्ञों और आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय बना। खासकर इस समय, जब नवंबर में सामान्य रूप से 3.7% बारिश होती है, इस बार एक भी बूंद नहीं गिरी।

Haryana Weather November passed without rain for fourth time in 24 years

नवंबर में बारिश का अभाव: कारण और प्रभाव

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल के अनुसार, नवंबर में सामान्य तौर पर पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होती है, लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं हो पाया। इसका सबसे बड़ा कारण उत्तरी गोलार्ड से आने वाली ठंडी हवाओं का अनुकूल न होना था। पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय न होना इस बात का संकेत है कि पूरे उत्तरी भारत में मौसम में गहरे बदलाव की संभावना नहीं रही।

पिछले साल की तुलना में, नवंबर 2024 में बारिश की कमी का असर सीधे तापमान पर पड़ा है। वर्ष 2024 में रात का तापमान पिछले 14 वर्षों के मुकाबले अधिक रिकॉर्ड किया गया। तापमान का वृद्धि और बारिश की कमी का संबंध सीधे तौर पर कृषि, जीवनशैली और पर्यावरण पर पड़ा है।

तापमान में बढ़ोतरी और रात के तापमान की स्थिति

चंडीगढ़, करनाल, हिसार और अंबाला जैसे प्रमुख शहरों में नवंबर में रात का औसत तापमान पिछले 14 सालों के रिकॉर्ड से अधिक था। इस वर्ष, अंबाला में रात का औसत तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले साल के तापमान 14.6 डिग्री से अधिक था। इसी प्रकार, करनाल में रात का औसत तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस था, जो पिछले 14 सालों में सबसे अधिक था। हिसार में भी तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, जहां रात का औसत तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस था।

यह तापमान में वृद्धि, बारिश के अभाव और वातावरण में बदलाव के कारण हो रहा है, जिससे ठंड का असर भी कम हो रहा है। ठंडी हवाओं का न आना और पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर होने के कारण, दिसंबर के पहले दिन से कड़ाके की ठंड का अनुभव नहीं हो रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले आठ से दस दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है, और सामान्य तापमान से 2-3 डिग्री ज्यादा तापमान दर्ज किया जा सकता है।

कृषि पर असर

मौसम में आए इन बदलावों का किसानों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र सिंह लाठर के अनुसार, नवंबर में बारिश का न होना किसानों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि इस दौरान गेहूं, चना, सरसों, जौ और आलू जैसी फसलों की बुवाई की जाती है। यदि इस समय बारिश हो जाती, तो बुवाई से पहले या बुवाई के 15 से 20 दिन बाद बारिश के कारण फसलों की नुकसान की संभावना हो सकती थी। ऐसे में, बारिश का न होना फसल की अच्छी वृद्धि के लिए मददगार साबित हुआ।

विशेषज्ञ बताते हैं कि 25 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच बारिश नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह समय बुवाई का होता है। इस समय बारिश से किसानों को फसलों की बर्बादी का सामना करना पड़ सकता है। अगर बारिश होती, तो फसल में अंकुरण में रुकावट आ सकती थी और इसके कारण उत्पादन में गिरावट हो सकती थी।

नवंबर के मौसम की तुलना

यदि हम पिछले कुछ वर्षों के नवंबर माह के मौसम का विश्लेषण करें, तो वर्ष 2024 की स्थिति और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। 24 साल में इस तरह की बारिश की कमी पहले तीन बार देखने को मिली है – 2011, 2016 और 2021 में। इन वर्षों में भी नवंबर माह में बारिश नहीं हुई थी। इन वर्षों के दौरान तापमान में बदलाव और कृषि के पैटर्न में भी असामान्य बदलाव देखने को मिले थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में, विशेषकर 2020 और 2023 में, नवंबर में अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जिससे क्षेत्रीय जल संकट का समाधान हुआ और कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई थी।

भारत में सामान्य मौसम पैटर्न

भारत में मौसम का पैटर्न हर साल बदलता रहता है, और इस बदलाव का असर सीधे तौर पर पर्यावरण, कृषि और जीवनशैली पर पड़ता है। पश्चिमी विक्षोभ, मानसून और अन्य मौसमी बदलावों का कृषि पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस वर्ष, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय न होने के कारण बारिश की कमी रही, जिससे तापमान में वृद्धि हुई है। यह स्थिति प्राकृतिक संसाधनों के असंतुलन का संकेत भी देती है।

आने वाला मौसम

मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर माह की शुरुआत के साथ, ठंडी हवाओं का आना और तापमान में गिरावट की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन इस वर्ष की स्थिति कुछ अलग ही रही। अगले कुछ दिनों तक मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ सकता है, लेकिन फिलहाल ठंडक की कोई बड़ी लहर देखने को नहीं मिल रही है। आने वाले सप्ताहों में अधिक ठंडी का सामना कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल उसके लिए लोगों को इंतजार करना होगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *