हरियाणा में इस समय शीत लहर और ठंडी हवाओं का प्रभाव बढ़ गया है, जिससे प्रदेश के कई इलाके कड़ी सर्दी का सामना कर रहे हैं। हाल ही में, हिसार शहर में रात का तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो कि सामान्य से 6.5 डिग्री कम था। यह गिरावट मंगलवार के मुकाबले बुधवार को 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रही। विशेषज्ञों के अनुसार, इस सर्दी का असर 15 दिसंबर तक जारी रहेगा, हालांकि 15 दिसंबर की रात को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जो तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी का कारण बनेगा। लेकिन इसके बाद तापमान में फिर से गिरावट आ सकती है। मौसम विशेषज्ञों ने इस समय हरियाणा, दिल्ली और एनसीआर में मौसम की चरम परिस्थितियों की जानकारी दी है, और उन्होंने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है।
शीत लहर का प्रभाव:
हरियाणा के कई जिले वर्तमान में शीत लहर से प्रभावित हैं, और इन जिलों में गंभीर शीत लहर की स्थिति बन गई है। शीतलहर की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है। वहीं, जब न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस या उससे भी कम हो जाता है, तो गंभीर शीत लहर की स्थिति बनती है। बुधवार को हिसार का तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस तक गिरने के बाद, यहां की स्थिति गंभीर शीतलहर की बन गई है। कुछ स्थानों पर पाला जमने की स्थिति भी बन चुकी है, जिससे किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की शीतलहर की स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा और दिल्ली के निवासियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। सर्दी से बचने के लिए लोग ऊनी कपड़े पहनने के साथ-साथ गरम पानी का सेवन करें और खासकर बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा, रात के समय वाहन चलाते समय विशेष ध्यान रखा जाए, क्योंकि शीतलहर और पाले की स्थिति में सड़कें खतरनाक हो सकती हैं।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव:
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार, 15 दिसंबर तक तापमान में गिरावट जारी रहने की संभावना है। हालांकि, 15 दिसंबर की रात को एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ एक मौसम प्रणाली है, जो पश्चिमी हिमालय से आता है और भारत में मौसम में बदलाव का कारण बनता है। इसकी सक्रियता से राज्य में बर्फीली हवाओं की गति धीमी हो सकती है और तापमान में कुछ समय के लिए हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के बाद, तापमान में फिर से गिरावट आ सकती है, क्योंकि यह विक्षोभ अपेक्षाकृत कमजोर होगा। इसके अलावा, अन्य मौसम प्रणालियों का भी राज्य के मौसम पर असर पड़ेगा, जिससे सर्दी की स्थिति बनी रहेगी। इसके बावजूद, इस समय हरियाणा में शीतलहर की स्थिति बरकरार रहेगी और तापमान में 15 दिसंबर तक गिरावट देखने को मिल सकती है।
किसानों के लिए चेतावनी:
शीतलहर और पाले की स्थिति किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, खासकर उन किसानों के लिए जो रबी की फसल उगा रहे हैं। पाले और अत्यधिक ठंड से फसलों को नुकसान हो सकता है, और इससे उत्पादन पर विपरीत असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए जरूरी उपायों को अपनाना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसानों को अपनी फसलों को रात के समय ढकने की सलाह दी जा रही है, ताकि पाले और ठंड से फसलें सुरक्षित रह सकें। साथ ही, पाला जमा होने से बचने के लिए सिंचाई का सही समय पर प्रयोग भी फसलों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, जो किसान खुले में काम करते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और दिन के समय अपनी शारीरिक मेहनत को नियंत्रित करें, ताकि स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा, दिल्ली और एनसीआर में मौसम की स्थितियां चरम पर हैं, और अगले कुछ दिनों तक सर्दी की स्थिति बनी रह सकती है। बुधवार को प्रदेश के औसत न्यूनतम तापमान में एक डिग्री और अधिकतम तापमान में 0.8 डिग्री की गिरावट आई। इस गिरावट के कारण पूरे राज्य में ठंड की स्थिति बढ़ी है, और आने वाले दिनों में भी यह स्थिति जारी रहने की संभावना है।
15 दिसंबर तक, तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन 15 दिसंबर की रात को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद, तापमान में फिर से गिरावट होने की संभावना है। जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है, तो शीतलहर की स्थिति उत्पन्न होती है, और यदि यह 2 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है, तो गंभीर शीतलहर की स्थिति बनती है।
सर्दी और शीतलहर की स्थिति को देखते हुए, हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सर्दी से बचने के लिए घर में रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, लोगों को ठंड में बाहर निकलने से बचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो गर्म कपड़े पहनने, मुंह और नाक को ढकने, और हाथों को गर्म रखने की सलाह दी जा रही है।