Haryana: हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर अपने तीखे तेवर दिखाए हैं और राज्य प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर उनकी सुरक्षा में चूक की और चुनावों के दौरान उन्हें हराने के लिए पूरी तरह से साजिश रची। यह बयान उन्होंने सोमवार को अंबाला छावनी स्थित बीपीएस प्लेनेटोरियम में आयोजित कार्यकर्ता धन्यवाद कार्यक्रम के दौरान दिए। मंत्री विज ने इस दौरान प्रशासन की कई कार्रवाइयों को लेकर चिंता जताई, जो उनकी और उनके समर्थकों की सुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं।
अनिल विज ने कहा कि चुनाव के दौरान उन्हें हराने की प्रशासन की ओर से पूरी कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि यह एक गहरी साजिश थी, जो जांच का विषय बन सकती है। उनके अनुसार, प्रशासन ने चुनाव में खून-खराबा कराने की कोशिश की, ताकि उनका या उनके समर्थकों का जान-माल नुकसान हो सके। विज ने बताया कि चुनाव के दौरान उनकी ज़ेड सिक्योरिटी को आधा कर दिया गया, जो उनके लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा साबित हो सकता था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि चुनाव के समय सीआईडी और पुलिस प्रशासन की भूमिका कहाँ थी और क्यों सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई।Haryana
गांव गरनाला और शाहपुर में घटनाएँ
कैबिनेट मंत्री ने दो महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया, जिनमें प्रशासन की विफलता को लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए। पहली घटना गांव गरनाला की थी, जहाँ प्रशासन के ढिलाई के कारण एक बड़ी घटना हो सकती थी। अनिल विज ने बताया कि उन्होंने डीजीपी, डीसी, एसपी, चुनाव आयोग और रिटर्निंग ऑफिसर को सूचित किया था कि वे इस गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे, लेकिन बावजूद इसके वहां झड़प हो गई। उन्होंने कहा कि यदि इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी कार्यकर्ता या व्यक्ति को कुछ हो जाता, तो उसका जिम्मेदार कौन होता? विज ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर इस प्रकार के घटनाओं का कारण बने ताकि चुनाव परिणामों को प्रभावित किया जा सके।Haryana
दूसरी घटना गांव शाहपुर में हुई, जहां विज को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना था। इस कार्यक्रम के लिए उन्होंने चुनाव आयोग से अनुमति ली थी और पुलिस से भी एनओसी प्राप्त की थी। लेकिन जब वे कार्यक्रम में गए, तो वहां एक अराजकता फैल गई। विज ने बताया कि कार्यक्रम में पहुंचे लोग अचानक डंडों के साथ हॉल में घुस आए और झगड़ा शुरू हो गया। अगर इस घटना के दौरान कुछ गंभीर हो जाता तो प्रशासन इसकी जिम्मेदारी कौन लेता? विज ने इस बात पर जोर दिया कि इस झड़प के दौरान पुलिस कहां थी? और उनका ज़ेड सिक्योरिटी क्यों आधा किया गया था, यह सवाल उठाते हुए उन्होंने प्रशासन की लापरवाही पर भी निशाना साधा।Haryana
अनिल विज ने आरोप लगाया कि यह सारी घटनाएँ प्रशासन की साजिश का हिस्सा थीं, जो उन्हें चुनाव में हराने के लिए रची गई थीं। उनके अनुसार, नगर परिषद ने जानबूझकर उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को रोक दिया था, जैसे उनकी मंजूर सड़कों का निर्माण रोक दिया गया था। इसके अलावा, प्रशासन ने उनके खिलाफ खून-खराबा करवा कर चुनाव में हिंसा की स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी। विज ने कहा कि यह सब इसलिए किया गया ताकि उनके समर्थक भयभीत हो जाएं और उनकी चुनावी स्थिति कमजोर हो।Haryana
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने चुनावी माहौल को अस्थिर करने के लिए कई अन्य नापाक प्रयास किए। उनके अनुसार, प्रशासन की यह कोशिश थी कि चुनाव के दौरान उनकी सुरक्षा का ख्याल न रखा जाए, ताकि कुछ गलत हो जाए और चुनाव को प्रभावित किया जा सके। विज ने कहा कि उनका यह आरोप पूरी तरह से उचित है, क्योंकि चुनावी मौसम में प्रशासन की चुप्पी और सुरक्षा में चूक से यह स्पष्ट होता है कि वे जानबूझकर उनकी हार की दिशा में काम कर रहे थे।Haryana
अनिल विज ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जानबूझकर उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज किया और उन्हें गंभीर खतरे में डाला। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव के दौरान जब उन्हें ज़ेड सिक्योरिटी मिली थी, तो चुनावी माहौल में उसकी आधी सिक्योरिटी को वापस क्यों लिया गया? उन्होंने कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा में चूक का मामला है, जो पूरे चुनावी परिपेक्ष्य में उनके खिलाफ साजिश का हिस्सा था।Haryana
विज ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के दौरान पुलिस की भूमिका हमेशा संदेहास्पद रही है। उनके अनुसार, जब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ चुनाव के दौरान ऐसी घटनाओं की जानकारी रखने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठातीं, तो इसका मतलब साफ है कि वे इस खेल में शामिल हैं। विज ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ बगावत की थी, और यह भी प्रशासन की योजनाओं का हिस्सा था।Haryana