Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र, भाजपा और कांग्रेस ने अपने बागी उम्मीदवारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। दोनों दलों ने बागियों को पार्टी से निष्कासित करने के बजाय एक रणनीति बनाई है, जिसे ‘प्लान B’ कहा जा रहा है। इस चुनावी माहौल में कई बागी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं।
बागी उम्मीदवारों की स्थिति
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार ने इस विषय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अब भी अपनी पार्टी का हिस्सा माने जा रहे हैं। उनके अनुसार, भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास बागियों के समर्थन की आवश्यकता हो सकती है, ताकि सरकार बनाने की स्थिति में वे इन निर्दलीय बागियों को अपने साथ रख सकें।Haryana Election
कानूनी परिप्रेक्ष्य
भारतीय राजनीतिक नियमों के अनुसार, यदि कोई पार्टी का नेता अपनी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ता है, तो उसे छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। हालाँकि, पिछले चुनावों में ऐसा होते देखा गया था, जैसे 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने 16 बागियों को निष्कासित किया था, जिनमें पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा शामिल थे।Haryana Election
चुनावी मैदान में बागियों की संख्या
हेमंत के मुताबिक, वर्तमान में भाजपा और कांग्रेस के दर्जनों बागी नेता निर्दलीय या अन्य राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दल कुल 90 विधानसभा सीटों में से 89-89 पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, लेकिन इन बागियों की स्थिति पार्टी के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकती है।Haryana Election