हरियाणा में आगामी निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपने टिकट वितरण की रणनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारने के लिए उन नेताओं को प्राथमिकता दी है, जिनकी पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी हुई है और जो पार्टी के संगठनात्मक कामों में सक्रिय रहे हैं। इस चुनाव में भाजपा ने गुटबाजी और आंतरिक संघर्षों को रोकने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किए हैं, और एक नई दिशा में चुनावी मैदान में उतरने की योजना बनाई है।
भा.ज.पा. ने इस बार अपने टिकट वितरण में संघ की भूमिका को विशेष महत्व दिया है। हरियाणा में भाजपा की सफलता में संघ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है, और पार्टी ने इस चुनाव में यह संदेश देने की कोशिश की है कि जो लोग संगठन के कामों में सक्रिय रहे हैं, उन्हें ही टिकट मिलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य गुटबाजी को समाप्त करना और पार्टी के भीतर एकता को बनाए रखना है। भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि ये लोग पार्टी के लिए लंबे समय से मेहनत कर रहे हैं।
भा.ज.पा. ने इस बार बाहरी उम्मीदवारों की बजाय अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन में सक्रिय नेताओं को टिकट देने का निर्णय लिया है। यह कदम न केवल पार्टी के आंतरिक संघर्षों को रोकने का प्रयास है, बल्कि यह भाजपा की यह नीति भी दर्शाता है कि पार्टी किसी एक व्यक्ति के बजाय संगठन के कामों में सक्रिय कार्यकर्ताओं को महत्व देती है। इसके तहत कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, जिनका संगठन में लंबे समय से योगदान रहा है और जो संघ से जुड़े हुए हैं।
रोहतक से रामअवतार वाल्मीकि को टिकट
भा.ज.पा. ने रोहतक से रामअवतार वाल्मीकि को उम्मीदवार बनाया है, जो एससी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और उनकी पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी हुई है। रामअवतार ने तीन बार विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें इस बार टिकट दिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, रामअवतार की उम्मीदवारी के पीछे संघ का आशीर्वाद बताया जा रहा है। वे संघ के एक मजबूत सदस्य हैं और पार्टी में संगठन के कामों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे हैं। इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि पार्टी ने संघ से जुड़े और संगठन के सक्रिय कार्यकर्ताओं पर विश्वास जताया है।
फरीदाबाद से प्रवीण जोशी का टिकट
फरीदाबाद से भाजपा की उम्मीदवार प्रवीण जोशी का परिवार भी संघ से जुड़ा हुआ है। प्रवीण जोशी वर्तमान में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन हैं, और उनके ससुर रमेश जोशी हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके पति संदीप जोशी भी भाजपा के पूर्व महामंत्री रह चुके हैं और संघ में सक्रिय थे। ऐसे में प्रवीण जोशी का टिकट पार्टी द्वारा संघ की नीतियों और संगठन के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए दिया गया है।
गुरुग्राम से राजरानी मल्होत्रा का टिकट
गुरुग्राम से भाजपा ने राजरानी मल्होत्रा को उम्मीदवार बनाया है, जिनका परिवार भी संघ से जुड़ा हुआ है। उनके पति तिलकराज मल्होत्रा संघ में सक्रिय थे और भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रहे थे। राजरानी मल्होत्रा महिला मोर्चा में काफी सक्रिय रही हैं। पार्टी ने उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया है, ताकि महिला मोर्चा में सक्रिय नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जा सके और पार्टी की महिला हितैषी छवि को मजबूत किया जा सके।
हिसार से प्रवीण पोपली का टिकट
भा.ज.पा. ने हिसार से प्रवीण पोपली को उम्मीदवार बनाया है, जो संगठन में नमो एप के संयोजक हैं। प्रवीण पोपली के परिवार का भी संघ से गहरा जुड़ाव है, और उनके पिता रामस्वरूप पोपली संघ में सक्रिय रहे हैं। प्रवीण पोपली की गिनती पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं में होती है, और वे पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लगातार साबित करते रहे हैं। उनका नाम टिकट के लिए इसलिए प्रस्तावित किया गया है, क्योंकि वे पार्टी के एक सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं।
पानीपत से मौजूदा पार्षद कोमल सैनी का टिकट
पानीपत से भाजपा ने मौजूदा पार्षद कोमल सैनी को उम्मीदवार बनाया है, जो संगठन के कामकाज में सक्रिय हैं और इलाके में एक साफ-सुथरी पहचान बनाने में सफल रही हैं। कोमल सैनी ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य हैं और महिला मोर्चा की जिला प्रधान भी हैं। उनकी कड़ी मेहनत और संगठन के प्रति उनके योगदान को देखते हुए पार्टी ने उन्हें टिकट देने का निर्णय लिया है। उनका टिकट पार्टी की यह नीति भी दर्शाता है कि पार्टी संगठन के कामों में सक्रिय लोगों को प्राथमिकता दे रही है।
अंबाला से सैलजा सचदेवा का टिकट
भा.ज.पा. ने अंबाला से सैलजा सचदेवा को उम्मीदवार बनाया है, जो महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। उनके पति संदीप सचदेवा भाजपा के पुराने नेता हैं और पिछले निगम चुनाव में पार्टी ने उन्हें चुनाव संयोजक बनाया था। सैलजा सचदेवा ने पार्टी के विभिन्न संगठनात्मक कामों में सक्रिय भूमिका निभाई है, और उनके परिवार का संघ से जुड़ाव है। इस कारण पार्टी ने उन्हें इस महत्वपूर्ण चुनाव में उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया।
भाजपा की जातीय समीकरणों पर ध्यान
भा.ज.पा. ने इस बार टिकट वितरण में जातीय समीकरणों का भी खास ध्यान रखा है। पार्टी ने नौ उम्मीदवारों में से चार पंजाबी, दो वैश्य, दो एससी और एक ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इस रणनीति का उद्देश्य विभिन्न समुदायों में संतुलन बनाए रखना और किसी वर्ग की नाराजगी को रोकना है। पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का भी सहारा लिया है, ताकि विभिन्न जातियों और समुदायों को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके।
करनाल से रेणु बाला गुप्ता का टिकट
भा.ज.पा. ने करनाल से रेणु बाला गुप्ता को टिकट दिया है, जो वैश्य समुदाय से आती हैं। करनाल में पहले से पंजाबी विधायक जगमोहन आनंद हैं, और पार्टी ने वैश्य समुदाय को साधने के लिए रेणु बाला गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। यह कदम पार्टी की जातीय समीकरणों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि सभी वर्गों के वोट भाजपा की ओर आकर्षित हों।
सोनीपत से राजीव जैन का टिकट
सोनीपत से भाजपा ने राजीव जैन को उम्मीदवार बनाया है, जो वैश्य समुदाय से आते हैं। सोनीपत में पहले से पंजाबी समुदाय के विधायक निखिल मदान हैं, और पार्टी ने वैश्य समुदाय को साधने के लिए राजीव जैन को टिकट दिया है।