हरियाणा की सैनी सरकार अब जाटों को लुभाने में जुट गई है। वैसे तो पीएम मोदी भी कहते हैं कि सबका साथ और सबका विकास, और सभी के साथ के बिना समाज तरक्की कर ही नहीं सकता। इसी के चलते अब हरियाणा बीजेपी ने भी एक नई रणनीति तैयार की है। अब बीजेपी राजस्थान के धन्ना भगत जाट के जरिए हरियाणा में मिशन जाट चला रही है।
महान संत, भक्त और कवि धन्ना जी
धन्ना जी महान संत, भक्त, कवि थे। उन्होंने अनेक गौशालाओं की भी स्थापना की थी। धन्ना जी की वाणी आज भी दुनिया भर में अनेकों लोगो का मार्गदर्शन करती है। उनकी वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में भी दर्ज है। उनका जन्म सन 1416 में हुआ था। भगत धन्नाजी का जीवन पाखंड त्याग कर सच्चे मन से ईश्वर के नाम का ध्यान करने की प्रेरणा देता है। उनके जन्म स्थान को लेकर मत भेद है। विद्वानओं के मुताबिक उनका जन्म स्थान राजस्थान के टोंक जिले में तहसील दूनी के पास धुवा गांव में हिन्दू धालीवाल जाट परिवार में हुआ था।
बीजेपी ने सांसद सुभाष बराला को दी बड़ी जिम्मेदारी
हरियाणा में भी भक्त धन्ना के हिसार, रोहतक और कैथल के अलावा, अन्य जिलों और गांवों में भी अनुयायी और भक्त हैं। जो ज्यादातर जाट ही हैं। इसी के चलते अब बीजेपी भी नई रणनीति बना रही है। गौरतलब है कि हरियाणा में BJP लगातार तीसरी बार ‘जाट वर्सेज नॉन-जाट’ के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ी। अपने इसी चुनावी मैनेजमेंट की बदौलत BJP ने जाटों के गढ़ में भी घुसपैठ की है। BJP ने 22 नई सीटें जीतीं, इनमें 7 सीटें जाट बहुल बागड़ और देशवाल बेल्ट में जीती हैं। इस मिशन के जरिए सूबे में पार्टी नए जाट नेताओं की तलाश भी पूरी करेगी। हरियाणा बीजेपी ने अपने इस मिशन को पूरा करने की जिम्मेदारी राज्यसभा सांसद सुभाष बराला को दी है। बराला जाट समुदाय से ही आते हैं। वह इससे पहले हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बीजेपी के बड़े जाट चेहरे चुनाव हारे
हरियाणा बीजेपी में अभी भी कई बड़े जाट चेहरे हैं। लेकिन इस बार के हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के ये सभी बड़े चेहरे चुनाव हार गए। इसमें पार्टी के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, एक पूर्व मंत्री का नाम भी शामिल हैं। ओपी धनखड़ पार्टी की कमान संभाल चुके हैं, लेकिन चुनाव हार गए थे। इनके अलावा कैप्टन अभिमन्यु जो मनोहर लाल खट्टर की सरकार में मंत्री थे वो भी दूसरी बार चुनाव हार गए थे। सबसे हैरानी की बात ये है जेजेपा छोड़कर आए देवेंद्र बबली भी चुनाव हार गए। इन नेताओं की हार के बाद पार्टी सूबे में बड़े जाट चेहरों की तलाश कर रही है।
पहली बार सरकारी तौर पर जन्म उत्सव मनाया
बता दें कि जाट समुदाय में धन्ना भगत को मानने वालों की अच्छी खासी तादाद है, इसको देखते हुए धन्ना भगत की याद में पिछले दो सालों से पार्टी राजस्थान की लगती बेल्ट में बड़े कार्यक्रम आयोजित करती रही है। वहीं हरियाणा में पहली बार भगत धन्ना जी का सरकारी तौर पर जन्म उत्सव मनाया गया। भक्त धन्ना जी के जन्म स्थान पर इनका मंदिर और गुरूद्वारा बना हुआ है। हिन्दु और सिख धर्म के लोगों मे इनकी गहरी आस्था है। भक्त धन्ना ने कोई पंथ तो नही चलाया लेकिन उनकी जाति से ही काफी लोग उनके अनुयायी बने जो आगे चलकर धनावंशी स्वामी कहलाये। धनावंशी स्वामी राजस्थान के नागौर, जोधपुर, बीकानेर, चुरू, हनुमानगढ़, गंगानगर, झुंझुनूं, सीकर जयपुर व पंजाब हरियाणा के कुछ जिलों में फैले हुए हैं।
भगत धन्ना की शिक्षाएं हरियाणा में भी लोकप्रिय
भगत धन्ना ने ‘गंगेश्वर मंदिर’ का निर्माण कराया था। उनके मंदिर के पास अरावली की पहाड़ियों में स्थित गुफा में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को धुंधलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। सिख धर्म के ग्रंथों में भी भगत धन्ना का उल्लेख है। उनकी भक्ति और शिक्षाएं हरियाणा के कई क्षेत्रों में लोकप्रिय है। हरियाणा में भगत धन्ना के हिसार, रोहतक और कैथल के अलावा, अन्य जिलों और गांवों में भी भगत धन्ना के अनुयायी और भक्त हैं। धन्ना भक्त की वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में भी संकलित है। जहां भी संतों, भक्ति का जिक्र होता है वहां उनका नाम शिरोमणि संतों में लिया जाता है। लगभग सभी संतों पर लिखी पुस्तकों, विद्यालयों या महाविद्यालयों की पुस्तकों में जहाँ भी भक्ति एवं संतों का जिक्र है वहां धन्ना जी का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा हुआ है एवं पढ़ाया जाता है। हिन्दू जागरणों में उनके भजन बड़े चाव से गाये जाते और सुने जाते हैं।