हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन, 19 नवंबर 2024 को कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई और उन्हें सर्वसम्मति से पास किया गया। इनमें प्रमुख था हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक 2024, जिसे विधानसभा में बहुमत से पारित किया गया। इसके अलावा, एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया जिसमें कच्चे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक नौकरी की सुरक्षा दी गई।
कच्चे कर्मचारियों को मिली सेवानिवृत्ति तक सेवा का आश्वासन:
सोमवार को हरियाणा विधानसभा में सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया जिसमें राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में काम कर रहे 1.20 लाख कच्चे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति तक (58 साल की उम्र तक) अपनी सेवाएं जारी रखने का अवसर मिलेगा। ये कर्मचारी जिनकी सेवाएं अब तक अनुबंध पर आधारित थीं, उन्हें अब स्थायी रोजगार की सुविधा प्राप्त होगी।
इस फैसले के तहत, कौशल रोजगार निगम, आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 और पार्ट-2, और तदर्थ आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को फायदा होगा, जिनका मासिक वेतन 50,000 रुपये तक है। इसके अतिरिक्त, 50,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए भी एक अलग विधेयक लाने का ऐलान मुख्यमंत्री ने सदन में किया।
हंगामे और बहस के बीच विधेयक पास:
हालांकि, इस फैसले पर विधानसभा में हंगामा और कड़ी बहस हुई। कुछ विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए, लेकिन अंततः हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक 2024 को बहुमत से पास कर दिया गया। विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले लेगा।
हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक 2024:
विधानसभा सत्र के अंतिम दिन, हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक 2024 भी पास किया गया। इस विधेयक के तहत राज्य सरकार कृषि भूमि के पट्टे को लेकर नया कानून लाएगी, जिससे किसानों को भूमि के उपयोग और पट्टे के मामले में अधिक अधिकार मिलेंगे। यह विधेयक किसानों को बेहतर सुरक्षा और अधिकार देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री का ऐलान:
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सदन में घोषणा की कि 50,000 रुपये से अधिक वेतन पाने वाले कच्चे कर्मचारियों के लिए भी एक अलग विधेयक लाया जाएगा, ताकि उन्हें भी नौकरी की सुरक्षा मिल सके।