Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 का रणभूमि सज चुकी है, जहां राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बैंक को साधने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ने ओबीसी और सामान्य वर्ग को अपने पक्ष में करने की रणनीति अपनाई है, जबकि कांग्रेस ने जाट, मुस्लिम और सिख समुदायों को लुभाने की कोशिश की है। इस बार दलित वोटर की निर्णायक भूमिका होने की संभावना है, जो चुनाव के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं।
जातिगत समीकरण
हरियाणा में जातियों का वोटिंग पर प्रभाव गहरा है। यहां 21% दलित हैं, और 17 विधानसभा सीटें उनके लिए आरक्षित हैं। दलित समुदाय की 40% जनसंख्या ओबीसी में आती है, जो चुनावी नतीजों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। भाजपा ने पिछड़ी जातियों को साधने के लिए नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया है और ओबीसी समुदाय के नेताओं को टिकट दिए हैं।Haryana Assembly Election 2024
भाजपा की रणनीति
भाजपा ने पिछड़ी जातियों को अपनी प्राथमिकता में रखा है। नायब सिंह सैनी को सीएम बनाकर भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे ओबीसी वोटों को महत्व दे रहे हैं। भाजपा ने ओबीसी के 22 नेताओं को उम्मीदवार बनाया है और उन्हें उम्मीद है कि ओबीसी वोटों से उन्हें लाभ होगा।
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने जाट और मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की कोशिश की है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने जाटों को एकजुट किया है ताकि वे एक निश्चित दिशा में वोट डाल सकें। कांग्रेस का लक्ष्य जाट वोटों को अपनी ओर खींचना है, ताकि वे चुनाव में जीत सकें।Haryana Assembly Election 2024
दलित वोट का महत्व
हरियाणा में दलित वोट का महत्व इस बार के चुनाव में बहुत अधिक है। यदि दलितों का झुकाव किसी एक पार्टी की ओर हो जाता है, तो उसकी जीत सुनिश्चित हो सकती है। मौजूदा समीकरण में हरिजन समुदाय कांग्रेस की ओर झुकाव रखता है, जबकि धानक और वाल्मीकि भाजपा के साथ हैं। दलित वोट बैंक में भी बंटवारे की संभावना है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
महत्वपूर्ण सीटें और बागी उम्मीदवार
इस चुनाव में बागी उम्मीदवारों का महत्वपूर्ण प्रभाव देखा जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को अपने-अपने क्षेत्रों में बागियों से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के लिए 10 सीटों पर बागी उम्मीदवार समस्या बन सकते हैं, जैसे महम, गन्नौर, और गुड़गांव। इसी तरह, कांग्रेस के लिए 11 सीटें ऐसी हैं जहां बागी उम्मीदवारों ने मुश्किलें पैदा की हैं, जैसे गोहाना और तिगांव।Haryana Assembly Election 2024
मुख्यमंत्री और मंत्रियों की स्थिति
भाजपा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। उनके अलावा, अन्य मंत्रियों जैसे असीम गोयल, कमल गुप्ता, और जेपी दलाल को भी चुनावी मैदान में कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। इन सभी नेताओं को उनके प्रतिद्वंद्वियों द्वारा गंभीर चुनौती दी जा रही है।
त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार कांग्रेस ने चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबले में नहीं बदलने की रणनीति अपनाई है। पहले के चुनावों में इनेलो और जजपा जैसे तीसरे दलों ने जाट वोटों को विभाजित किया था, जिससे कांग्रेस की जीत की संभावना कम हो गई थी। इस बार कांग्रेस ने चुनाव को सीधे मुकाबले में रखने का प्रयास किया है, जिससे जाट वोटों का बंटवारा न हो सके।Haryana Assembly Election 2024
महत्वपूर्ण चेहरे
हरियाणा चुनाव में कुछ प्रमुख चेहरे हैं जिन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है:
- नायब सिंह सैनी: भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री, जिन पर पार्टी ने पूरा भरोसा जताया है।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा: कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने जाट वोटों को एकजुट करने का काम किया है।
- अरविंद केजरीवाल: आम आदमी पार्टी के संयोजक, जिनका हरियाणा में चुनाव लड़ना उनके लिए महत्वपूर्ण है।
- दुष्यंत चौटाला: पूर्व डिप्टी सीएम, जिनका भविष्य इस चुनाव पर निर्भर है।
- अभय चौटाला: इनेलो के लिए चुनाव में वजूद बनाए रखने की चुनौती।
उम्मीदवारों की स्थिति
इस चुनाव में कुछ उम्मीदवारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:
- विनेश फोगाट: कांग्रेस की उम्मीदवार, जो जाट वोटों पर निर्भर हैं।
- अनिल विज: भाजपा के अनुभवी नेता, जो अंबाला कैंट से चुनाव लड़ रहे हैं।
- श्रुति चौधरी: पूर्व सांसद, जो पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
- आरती राव: केंद्रीय मंत्री की बेटी, जिनकी राजनीतिक शुरुआत हो रही है।
- रघुबीर कादियान: 80 वर्षीय उम्मीदवार, जिनका बेरी सीट पर कब्जा है।
- सावित्री जिंदल: अमीर महिला, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं।