Haryana: हरियाणा के कैथल जिले में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। हाल के दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विशेष रूप से सांस के मरीजों और आंखों की समस्याओं के साथ अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण
पराली जलाना
कैथल में पराली जलाने के मामलों की बढ़ती संख्या इस समस्या का प्रमुख कारण है। कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता जगदीश मलिक ने बताया कि अब तक जिले में 106 मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी किसान के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इसके बावजूद, प्रशासन किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है।Haryana
स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। जिला नागरिक अस्पताल में सांस और आंखों के मरीजों की ओपीडी में वृद्धि हुई है। डॉ. सचिन मांडले, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, ने बताया कि सामान्य दिनों में आंखों के मरीजों की ओपीडी 100 के करीब रहती थी, जबकि वर्तमान में यह संख्या 200 तक पहुंच गई है। सांस के मरीजों की ओपीडी भी 60 से अधिक हो गई है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि सांस के मरीजों को इस मौसम में बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।Haryana
प्रदूषण का समय के अनुसार डेटा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट से प्राप्त डेटा के अनुसार, शुक्रवार को वायु प्रदूषण का स्तर समय के साथ बढ़ता गया:
समय | वायु प्रदूषण (AQI) |
---|---|
सुबह 6 बजे | 294 |
सुबह 7 बजे | 297 |
सुबह 8 बजे | 300 |
सुबह 9 बजे | 303 |
सुबह 10 बजे | 306 |
सुबह 11 बजे | 307 |
दोपहर 12 बजे | 309 |
दोपहर 1 बजे | 310 |
अपराह्न 3 बजे | 311 |
प्रशासनिक कदम
स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल में मरीजों को प्रदूषण से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं।Haryana
जागरूकता अभियान
कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली जलाने के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। इस साल अब तक दो लाख रुपये का जुर्माना भी किसानों पर लगाया जा चुका है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम समस्या को हल करने के लिए पर्याप्त हैं?Haryana