पंजाब में किसानों के द्वारा लगाए गए जाम ने अंबाला में यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यह जाम संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की मांगों को लेकर किया गया है, जिसमें मुख्य मार्गों को रोकने का ऐलान किया गया था। किसान संगठन का आरोप है कि धान की खरीद प्रक्रिया में सुधार नहीं हो रहा है, जिससे उन्हें मजबूरन प्रदर्शन करने के लिए सड़कें रोकनी पड़ रही हैं।

पंजाब में धान की खरीद धीमी गति से हो रही है। किसान पिछले कुछ समय से इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसान चाहते हैं कि उनकी फसल की खरीद सुनिश्चित की जाए और उन्हें उचित मूल्य मिले। इसके विरोध में, किसानों ने एक दिवसीय जाम का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने 11 बजे से 3 बजे तक मुख्य मार्गों को रोका।

जाम का असर अंबाला में भी देखा जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस ने इस स्थिति को देखते हुए कई रूटों को डायवर्ट करने का निर्णय लिया है। शाहबाद से साहा चौक और साहा से पंचकूला की ओर जाने वाले मार्गों को बदल दिया गया है। इसके साथ ही, अंबाला सिटी बलदेव नगर के पास से पंजोखरा साहिब की ओर जाने वाले मार्ग को भी डायवर्ट किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बैरिकेड्स लगाकर वाहन चालकों को नए रूट के बारे में जानकारी दी है, ताकि उन्हें कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।

पुलिस ने इस जाम के दौरान यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी की है। विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है, जो यातायात के दिशा-निर्देश दे रहा है। इसके अलावा, पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि आपातकालीन सेवाएं प्रभावित न हों, और एंबुलेंस तथा अन्य आवश्यक वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है।

किसानों की मांगें

किसान संगठन ने स्पष्ट किया है कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती। उनकी मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. धान की उचित कीमत: किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाना चाहिए।
  2. खरीद प्रक्रिया में सुधार: किसानों ने मांग की है कि धान की खरीद प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि उनकी फसल समय पर खरीदी जा सके।
  3. कृषि कर्ज माफी: किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, कृषि कर्ज माफी की भी मांग की जा रही है।

किसानों का समर्थन

किसानों के इस आंदोलन को विभिन्न किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त है। कई जगहों पर अन्य किसान भी उनके साथ आकर जाम में शामिल हो रहे हैं। इस प्रकार, यह आंदोलन केवल पंजाब तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि आसपास के राज्यों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने इस आंदोलन को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हालांकि, सरकार के प्रवक्ताओं ने यह आश्वासन दिया है कि वे किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही इस पर चर्चा की जाएगी।

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