HARYANA: कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दिए निर्देश
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने सेम एवं लवणीय भूमि सुधार के लिए उठाए जा रहे क़दमों की समीक्षा की। कृषि मंत्री ने विभाग के फ़ील्ड से आए वरिष्ठ अधिकारियों से मुख़ातिब होते हुए कहा कि, आप लोग किसानों के सीधे सम्पर्क में रहते हैं, किसानों से राय-मशविरा करके सेमग्रस्त और लवणीय भूमि को जल्दी से जल्दी ठीक करने के वर्तमान उपायों के अलावा अन्य उपायों पर भी विचार करें और सुझाव दें। साथ ही उन्होंने कहा कि, किसानों के हित के लिए बजट की कमी नहीं रहने दी जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि, जिन गांवों में पंचायती-भूमि सेम ग्रस्त है तो वहां पर पोंड बनाकर झींगा मछली के पालन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें। इससे जहां लवणीय पानी का प्रयोग हो सकेगा वहीं पंचायतों को अतिरिक्त आमदनी भी हो सकेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेमग्रस्त भूमि को ठीक करने के लिए अगर जिलावाइज योजना बनानी पड़े तो वह भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में सेम की समस्या ज्यादा है वहां पर ड्रेन से पानी की निकासी करके भूमि सुधार के प्रयास करें।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को इस मौके पर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के 13 जिलों के 686 गांव सेमग्रस्त हैं। प्रदेश की कृषि भूमि का 8 प्रतिशत यानि 9,82,731 एकड़ भूमि सेम से प्रभावित है। फिलहाल सिरसा और गुरुग्राम जिला को सेम मुक्त कर दिया गया है जबकि फतेहाबाद जिला को इस साल के अंत तक सेम मुक्त कर दिया जाएगा।
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बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि, प्रदेश में भूमि को सेम और लवण से मुक्त करने के लिए “सब सर्फेस ड्रैनेज तकनीक”, “वर्टिकल ड्रैनेज तकनीक” अपनाई जा रही है। इसके अलावा, जैविक जल निकासी योजना के तहत ज्यादा पानी-पीने वाले पेड़ लगाकर उक्त दोनों तकनीकों को प्रभावी बनाया जाता है, और भूमि का सुधार जल्दी किया जाता है।