दूरसंचार विभाग (DoT) ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी में टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। DoT ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को 28,200 मोबाइल फोन नंबरों को ब्लॉक करने और इन नंबरों से जुड़े 20 लाख सिम कार्ड का पुन: सत्यापन करने का निर्देश दिया है।

यह पहल DoT, गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस के बीच एक साझेदारी का हिस्सा है। इसका उद्देश्य साइबर अपराध नेटवर्क को तोड़ना और डिजिटल दुनिया में होने वाले खतरों से नागरिकों की सुरक्षा करना है।

कार्रवाई के मुख्य बिंदु:

  • 28,200 मोबाइल फोन नंबर ब्लॉक किए गए: MHA और राज्य पुलिस द्वारा पहचाने गए 28,200 मोबाइल फोन नंबरों को साइबर अपराध में शामिल होने के लिए चिह्नित किया गया है। DoT ने इन नंबरों को पूरे भारत में सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।
  • 20 लाख सिम कार्ड का पुन: सत्यापन: इन 28,200 ब्लॉक किए गए मोबाइल नंबरों से जुड़े 20 लाख सिम कार्ड का पुन: सत्यापन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए एक कदम है कि सिम कार्ड का उपयोग वैध उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है।

इस पहल का महत्व:

यह पहल साइबर अपराधियों के लिए टेलीकॉम संसाधनों का उपयोग करना अधिक कठिन बना देगी। साथ ही, यह सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा, जिसका उपयोग अक्सर धोखाधड़ी और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता है।

हालिया पहल:

यह पहल DoT द्वारा साइबर अपराध से लड़ने के लिए किए गए हालिया प्रयासों का हिस्सा है। मार्च में, केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विभिन्न हितधारकों, जैसे सरकार, बैंकों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों के बीच समन्वय के लिए एक डिजिटल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराध में टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकना है।

इसके अलावा, अगस्त 2023 में, टेलीकॉम मंत्रालय ने सिम कार्ड डीलरों के लिए पुलिस सत्यापन और बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया था। यह सुनिश्चित करने के लिए एक कदम है कि सिम कार्ड केवल वैध व्यक्तियों को ही जारी किए जाएं।

यह उम्मीद की जाती है कि DoT की ये पहलें साइबर अपराध को कम करने और डिजिटल दुनिया को नागरिकों के लिए अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करेंगी।

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