दिल्ली में बीजेपी सरकार लगातार विकास के काम कर रही है..इसी कड़ी में बीजेपी सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले श्रमिकों और छोटे मजदूरों के लिए बड़ा फैसला लिया है। जिसमें सभी श्रेणियों के कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के लिए सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की है ताकि उन्हें बढ़ती महंगाई के बीच राहत मिल सके। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिल्ली के सचिव सह श्रम आयुक्त ने एक बयान में बताया कि सरकार ने कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की अधिसूचित दरों में बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी केंद्र द्वारा घोषित महंगाई भत्ते की दरों के कारण की गई है।
दिल्ली सरकार ने छह अलग-अलग प्रकार के श्रमिकों की मजदूरी दरों में वृद्धि की है। इनमें अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिक शामिल हैं। नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी। संशोधित श्रमिक वेतन के अनुसार अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन अब 18,456 रुपये होगा, जबकि ग्रेजुएशन और उससे अधिक योग्यता वाले श्रमिकों को 24,356 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
किसे कितना फायदा?
• अकुशल मजदूरों को अभी तक 18066 रुपये मिलते थे। अब उन्हें 18456 रुपये मिलेंगे। यानी उनकी सैलरी में 390 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
• अर्ध अकुशल मजदूरों को पहले 19929 रुपये मिलते थे। अब उन्हें 20371 रुपये मिलेंगे। इनकी सैलरी में 442 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
• कुशल मजदूरों को अब तक 21917 रुपये मिलते थे। अब उनकी मजदूरी 22411 रुपये हो जाएगी। यानी इनके वेतन में 494 रुपये का इजाफा हुआ है।
• जो श्रमिक मैट्रिक पास नहीं हैं, उन्हें पहले 19929 रुपये मिलते थे। अब उन्हें 20371 रुपये मिलेंगे।
• जो मजदूर मैट्रिक पास हैं लेकिन ग्रेजुएट नहीं हैं, ऐसे मजदूरों को पहले 21917 रुपये मिलते थे। अब उन्हें 22411 रुपये मिलेंगे।
• ग्रेजुएट या उससे ज्यादा पढ़े-लिखे श्रमिकों को अब तक 23836 रुपये मिलते थे। अब उन्हें 24356 रुपये मिलेंगे। इस तरह सभी श्रेणियों के मजदूरों की सैलरी में बढ़ोतरी की गई है।
इस आदेश के बाद जिन श्रमिकों को सरकार की ओर से तय न्यूनतम मजदूरी दरों से कम का भुगतान किया जाता है, वो इसकी शिकायत कर सकते हैं। ऐसे मजदूर संबंधित जिले के संयुक्त श्रम आयुक्त/उप श्रम आयुक्त के सामने अपनी सूचना दे सकते हैं। इन अधिकारियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत प्राधिकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है।
दिल्ली सरकार के इस फैसले से निर्माण स्थल, फैक्ट्रियों, दुकानों, और अन्य निजी क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा। छोटे मजदूरों से लेकर ग्रेजुएट योग्यताओं रखने वाले श्रमिकों तक, सभी की मासिक आय में इजाफा होगा। यह न सिर्फ महंगाई से राहत देगा बल्कि यह एक बेहतर जीवन की ओर भी कदम होगा।