महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की एक बार फिर तलाशी लिए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना चुनाव प्रचार के सिलसिले में लातूर जाने के दौरान हुई। उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर के साथ-साथ उनके बैग की भी जांच की गई, जिस पर शिवसेना यूबीटी (उद्धव ठाकरे गुट) ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई सत्ताधारी दलों की प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। शिवसेना यूबीटी ने इस कार्रवाई को लेकर जमकर नाराजगी व्यक्त की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया।

चुनाव आयोग ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत की जा रही है। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह किसी एक नेता के खिलाफ नहीं बल्कि सभी प्रमुख नेताओं के हेलीकॉप्टरों और विमानों की जांच समान रूप से की जाती है। पिछले चुनावों के दौरान भी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के हेलीकॉप्टरों की जांच की गई थी।

आयोग के सूत्रों ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के विमानों और हेलीकॉप्टरों की तलाशी सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने एक सख्त एसओपी लागू किया है। इस प्रकार की जांच से यह सुनिश्चित किया जाता है कि चुनाव में सभी नेताओं को समान अवसर मिले। इससे पहले, बिहार में भी इसी प्रकार की तलाशी अभियान की गई थी, जिसमें नड्डा और शाह के हेलीकॉप्टरों की जांच की गई थी।

शिवसेना यूबीटी का आरोप

शिवसेना यूबीटी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर संविधान की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि भारतीय संविधान में समान न्याय की बात की गई है, लेकिन केंद्र सरकार और चुनाव आयोग लोकतंत्र को रौंद कर अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। शिवसेना ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी महायुति (भाजपा-शिवसेना-एनसीपी) के नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि पैसे बांटने की घटनाओं पर चुप्पी साधी जा रही है।

शिवसेना यूबीटी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस कार्रवाई का वीडियो शेयर किया है और आरोप लगाया कि यह एक राजनीतिक साजिश है। पार्टी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा उद्धव ठाकरे के सामान की जांच करना पूरी तरह से गलत था और यह कदम शिवसेना को कमजोर करने के लिए उठाया गया था। पार्टी ने यह भी कहा कि “कमलाबाई” और अन्य नेताओं की सामान की जांच भी इसी प्रकार से होनी चाहिए।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान 20 नवंबर को होने वाले हैं, और इससे पहले सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है। चुनावी माहौल में इस तरह की घटनाएं राजनीतिक माहौल को और भी गर्मा देती हैं। शिवसेना यूबीटी का कहना है कि लोकतंत्र और संविधान की अवहेलना कर सत्ता में बैठे लोग अपने हक में नियमों को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

चुनाव आयोग के निर्देश

चुनाव आयोग ने इस संदर्भ में कहा कि उन्होंने प्रवर्तन एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी नेताओं के हेलीकॉप्टरों की जांच की जाए, ताकि चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित किया जा सके। आयोग ने यह भी याद दिलाया कि इस तरह की कार्रवाइयां एसओपी के तहत सभी राजनीतिक दलों के नेताओं पर लागू होती हैं, और यह किसी भी विशेष दल के खिलाफ नहीं है।