पानीपत: देर रात धागा फैक्टरी में लगी भीषण आगपानीपत: देर रात धागा फैक्टरी में लगी भीषण आग

पानीपत : पानीपत के इसराना क्षेत्र के बलाना गांव के पास स्थित एक धागा फैक्टरी में देर रात एक भयावह आग लग गई, जिससे दो मजदूरों की जलकर मौत हो गई और तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर काम कर रहे थे। घटना के बाद फैक्टरी में अफरा-तफरी मच गई और बचाव कार्यों में देरी के कारण मौत और घायल हुए मजदूरों की संख्या बढ़ गई।

घटना देर रात की है

जब पानीपत के फैक्टरी में काम कर रहे मजदूरों को अचानक आग के लपटों ने घेर लिया। आग इतनी भीषण थी कि दो मजदूरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, तीन अन्य मजदूर आग की चपेट में आने के बाद गंभीर रूप से झुलस गए। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

स्थानीय लोगों के अनुसार, आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन कई अफवाहें उड़ रही हैं कि यह शॉर्ट सर्किट की वजह से हो सकती है। फैक्टरी के अंदर स्थित धागे और अन्य जलनशील सामग्री ने आग को और तेज कर दिया, जिससे फैक्टरी के अंदर काम कर रहे मजदूरों के लिए भागना मुश्किल हो गया। घटना के बाद से इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी तरह की अफवाहें और स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

मृतक और घायल मजदूरों की पहचान

घायलों को पहले पानीपत के एनसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायलों की हालत चिंताजनक है और उनका इलाज जारी है। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पानीपत के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया है।

स्थानीय पुलिस ने मृतक मजदूरों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले में और अधिक जानकारी आने की उम्मीद है, क्योंकि पुलिस के अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।

पानीपत: देर रात धागा फैक्टरी में लगी भीषण आग
पानीपत: देर रात धागा फैक्टरी में लगी भीषण आग

आग लगने के कारणों की जांच

आग लगने के कारणों की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट या फैक्टरी के अंदर के किसी अन्य तकनीकी कारणों को माना जा रहा है। हालांकि, यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी।

दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग पर काबू पाने के लिए कई घंटे लग गए। आग इतनी भीषण थी कि आसपास के इलाकों में भी धुंआ फैल गया, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। आग के कारण फैक्टरी में भारी नुक़सान हुआ है, लेकिन मानव जीवन के नुकसान के बाद अब प्रशासन इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने राहत कार्य शुरू किया। पानीपत के एसडीएम और अन्य अधिकारियों ने मौके का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि घटना की जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पानीपत के पुलिस अधीक्षक ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है और सभी पहलुओं पर जांच की जाएगी।

धागा फैक्टरी में लगी इस भीषण आग ने एक बार फिर फैक्टरियों में सुरक्षा मानकों की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब सुरक्षा के अभाव में मजदूरों की जान पर बन आई। पानीपत के आसपास की कई फैक्टरियों में सुरक्षा उपायों की स्थिति सही नहीं है। इस घटना के बाद प्रशासन ने फैक्टरियों में सुरक्षा मानकों की जांच करने का निर्णय लिया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आग लगने की घटनाओं से बचने के लिए फैक्टरियों में नियमित रूप से सुरक्षा परीक्षण किए जाने चाहिए। इसके अलावा, आग से बचाव के लिए उचित व्यवस्था, जैसे कि आग बुझाने के यंत्र और कर्मचारियों को आग की सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण, भी जरूरी है।

पानीपत के इस घटनास्थल पर काम करने वाले अधिकांश मजदूर गरीब परिवारों से आते हैं, जिनकी रोजी-रोटी फैक्ट्रियों पर निर्भर है। ऐसे में इस प्रकार के हादसे न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे समाज पर आर्थिक दबाव डालते हैं। घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता देने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सहायता उन परिवारों की जीवन की मुश्किलों को कम कर पाएगी?

घायलों के इलाज और मृतकों के परिवारों की मदद के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी आगे बढ़कर काम करना शुरू कर दिया है। ये संगठन पीड़ितों की मदद के लिए धन जुटाने और मेडिकल सहायता देने के प्रयास कर रहे हैं।

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