उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां संडीला तहसील के कछौना कस्बे में फौजी ढाबे के पीछे एक फर्जी अस्पताल चल रहा था, जहां टीन शेड और छप्पर के वार्ड में कैंसर रोगियों का इलाज किया जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि इस अवैध अस्पताल का स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण भी था, जो इस साल नवीनीकृत नहीं हुआ था।

अस्पताल की खबर फैलते ही मचा हड़कंप:

इस अस्पताल की खबर जब जिला प्रशासन तक पहुंची तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अस्पताल को सील कर दिया। साथ ही भर्ती मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

अस्पताल की स्थिति:

यह अस्पताल मानकों के अनुरूप बिल्कुल नहीं था। टीन शेड के नीचे मरीजों के लिए बेड लगाए गए थे और छप्पर का वार्ड बनाया गया था। इलाज के नाम पर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था।

डॉक्टर और स्टाफ फरार:

स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल का संचालक डॉक्टर एके पासवान और पूरा स्टाफ मौके से फरार हो गया।

कार्रवाई होगी:

इस मामले में सीएमओ डॉक्टर रोहिताश्व ने कहा है कि तत्कालीन नोडल अधिकारी और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अस्पताल चला रहे डॉक्टर और संचालकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की ओर इशारा करता है। अवैध अस्पताल का पंजीकरण कैसे हुआ और बिना मानकों के कैसे चल रहा था, इसकी जांच होनी चाहिए।

यह घटना उन मरीजों और उनके परिजनों के लिए भी चिंता का विषय है जो इस फर्जी अस्पताल में इलाज करवा चुके हैं।

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