हरियाणा में एक संगीन मामला सामने आया है, जिसमें विदेश से बैठकर एक कुख्यात गैंगस्टर के नाम पर रंगदारी वसूलने की कोशिश की गई थी। सोनीपत पुलिस ने इस मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक के भाई को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से 3 लाख रुपये की रंगदारी की रकम बरामद की। यह मामला रंगदारी वसूली के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलते हुए नेटवर्क का संकेत दे रहा है, जिससे पुलिस प्रशासन और आम जनता दोनों ही चिंतित हैं।

सोनीपत के एक भट्ठा मालिक से 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया था, जिसमें विदेश में बैठा भानु प्रताप नामक आरोपी शामिल था। भानु प्रताप ने इस रंगदारी के लिए कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा का नाम लिया था, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य माना जाता है। इसके बाद सोनीपत पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी और आरोपित भानु प्रताप के चचेरे भाई गौरव को रंगदारी की रकम के साथ गिरफ्तार किया।

गौरव को सोनीपत क्राइम ब्रांच ने एक जाल बिछाकर गुरुग्राम के गांव खंडेलवाल से गिरफ्तार किया, जहां वह भट्ठा मालिक से रंगदारी की रकम का बैग लेकर आ रहा था। पुलिस ने गौरव से तीन लाख रुपये की नकदी बरामद की।

कैसे चला रंगदारी का खेल

सोनीपत पुलिस के अनुसार, आरोपी भानु प्रताप और गौरव दोनों ही इस पूरे रंगदारी के खेल में शामिल थे। भानु प्रताप जो कि अमेरिका में बैठकर इस पूरे रैकेट को चला रहा था, ने सोनीपत के एक भट्ठा मालिक को धमकाकर 1 करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी। उसने भट्ठा मालिक को यह धमकी दी थी कि अगर वह रंगदारी की रकम नहीं देगा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भानु ने रोहित गोदारा का नाम लिया था ताकि धमकी अधिक प्रभावशाली और डराने वाली लगे, क्योंकि रोहित गोदारा का नाम पहले भी गैंगवार और रंगदारी वसूली में सुर्खियों में आ चुका है।

हालांकि, सोनीपत पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि भानु और गौरव का किसी बड़े गैंगस्टर से सीधा संबंध नहीं था, लेकिन यह स्पष्ट हो चुका है कि दोनों ने जानबूझकर रोहित गोदारा का नाम लेकर भट्ठा मालिक को डराने की कोशिश की थी। पुलिस ने अब जांच की प्रक्रिया को और तेज कर दिया है और आरोपितों के संपर्क में संभावित गैंगस्टरों की भूमिका का भी पता लगाया जा रहा है।

रंगदारी वसूली का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क

यह मामला रंगदारी वसूली के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर करता है, जिसमें भानु प्रताप जैसे आरोपी विदेश से बैठकर देश के विभिन्न हिस्सों में धमकी देकर पैसों की मांग करते हैं। भारत में बढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों का नेटवर्क पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि इन गैंगस्टरों के पास तकनीकी उपकरणों और विदेशों से संचालित होने वाले संगठनों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसे वसूलने का एक समर्पित तरीका है।

गौरव और भानु ने जिस तरीके से रोहित गोदारा का नाम लिया, उससे यह भी संकेत मिलता है कि विदेशों में बैठे गैंगस्टर अब भारत के छोटे शहरों और कस्बों तक अपनी पहुंच बना चुके हैं। यह गैंगस्टर भारतीय पुलिस के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई करने में न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी आवश्यकता होती है।

पुलिस का रुख और आगे की जांच

सोनीपत पुलिस ने गौरव को गिरफ्तार करने के बाद अब उसकी रिमांड की तैयारी कर ली है। पुलिस का कहना है कि गौरव से कड़ी पूछताछ की जाएगी ताकि इस रंगदारी के खेल के अन्य तथ्यों का खुलासा हो सके। पुलिस के मुताबिक, गौरव और भानु के बीच किस तरह की बातचीत हुई थी, इसका पता लगाया जा रहा है और यह भी जांचा जा रहा है कि वे किस माध्यम से विदेश में बैठे भानु से संपर्क में थे।

इसके साथ ही, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि गौरव और भानु ने अन्य लोगों से भी रंगदारी की मांग की थी या नहीं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ और आरोपितों के भी शामिल होने की संभावना है, जिनकी पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है। पुलिस के अधिकारी इस मामले में अधिक जानकारी देने से बच रहे हैं, लेकिन यह मामला पूरी तरह से पुलिस के ध्यान में है और वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं।

नौजवानों को रंगदारी जैसे अपराधों से बचने की आवश्यकता

यह मामला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि कुछ नौजवानों के लिए अपराधों में शामिल होना एक साधारण रास्ता बनता जा रहा है। विदेशों में बैठे गैंगस्टर अपने नेटवर्क के माध्यम से इन युवाओं को अपराध की ओर धकेल रहे हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि ये गैंगस्टर उन्हें अपराध में लाकर उनके जीवन को नष्ट कर रहे हैं।

सोनीपत पुलिस ने गौरव की गिरफ्तारी के बाद यह संदेश दिया है कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जो भी व्यक्ति रंगदारी वसूली के इस खेल में शामिल होगा, वह किसी भी कीमत पर बच नहीं पाएगा। पुलिस का यह प्रयास युवाओं को अपराध के इस जाल से बाहर निकालने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का है।

रंगदारी वसूली पर कड़ी सजा

रंगदारी वसूली भारतीय कानून में एक गंभीर अपराध है, और इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। भारतीय दंड संहिता के तहत रंगदारी वसूली को आतंकवाद से भी जोड़कर देखा जा सकता है, क्योंकि इससे समाज में भय और अशांति फैलती है। पुलिस का यह कहना है कि जो लोग इस तरह के अपराधों में लिप्त होते हैं, उन्हें सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।