चर्चित ‘लैंड फॉर जॉब’ केस में लालू यादव से ईडी ने तीखे सवाल किए। दरअसल ‘लैंड फॉर जॉब’ केस लालू के रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान का है। उनपर रेल मंत्री रहते 2004 से लेकर 2009 तक नौकरी के बदले जमीन लेने का आरोप है। जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से गांधी मैदान स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पूछताछ की ईडी सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद से एक बाद एक कई सवाल पूछे गए।
ED के लालू यादव से तीखे सवाल
ईडी ने पूछा कि किशुन देव राय ने अपनी जमीन 3 हजार वर्ग फीट की जमीन मात्र 3 लाख 75 हज़ार रुपए में राबड़ी देवी को ही क्यों बेची?
इसके बाद ED ने यह भी पूछा कि राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार से आप कब मिले थे?
राबड़ी देवी को जमीन मिलने पर ही नौकरी क्यों लगी?
सूत्रों के अनुसार सवाल किया गया कि आपसे मिलने और राबड़ी देवी को जमीन मिलने के बाद ही इन तीनों को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी कैसे मिली?
महुआबाग निवासी संजय राय ने भी अपनी 3 हजार 375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी से तीन लाख 75 हजार में क्यों बेचा?
ईडी ने लालू प्रसाद यादव से पूछा कि राबड़ी देवी के नाम जमीन रजिस्ट्री होने के बाद संजय राय और उसके परिवार के दो सदस्य को रेलवे में नौकरी मिली ऐसा क्यों?
वहीं, ईडी ने सवाल किया कि किरण देवी ने अपनी 80 हजार 905 वर्ग फीट जमीन तीन लाख सत्तर हजार में आख़िर आपकी बेटी मीसा भारती को ही क्यों बेची ?
साथ ही,जमीन रजिस्ट्री के बाद ही किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी मिली ऐसा क्यों ?
एक हज़ार 360 वर्ग फीट की जमीन सिर्फ 13 लाखे में क्यों मिल गई?
ईडो ने पूछा कि आपसे मिलने के बाद हजारी राय के भतीजा दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिली ऐसा क्यों ?
लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी ऐसा क्यों हुआ की लाल बाबू राय ने मई 2015 में अपनी एक हज़ार 360 वर्ग फीट की जमीन आपकी पत्नी राबड़ी देवी के नाम मात्र 13 लाख रुपए में कर दिया था ऐसा क्यों ?
तेजस्वी यादव से भी हो चुकी है ED की पूछताछ
बता दें कि इस मामले में ED के सामने लालू यादव की करीब 14 महीने बाद पेशी हुई। ED ने इसके पहले 20 जनवरी 2024 को लालू यादव का बयान दर्ज किया था जबकि तेजस्वी का बयान भी पिछले ही साल 30 जनवरी को दर्ज हुआ था। तब भी जमकर बवाल मचा था और अब भी ED के समन पर सियासत हो रही है।