Robert Vadra की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष गुरुग्राम भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ जारी है। इससे पहले, रॉबर्ट वाड्रा ने आरोप लगाया था कि उनके और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “सब वक्त का खेल है, समय बदलेगा,” और यह भी स्पष्ट किया कि वह देश छोड़कर नहीं भागेंगे और सभी सवालों का जवाब देंगे।
ईडी की चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी का नाम शामिल किया गया है। हालांकि, दोनों को आरोपी नहीं माना गया है। जांच के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी ने दिल्ली के रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा के माध्यम से हरियाणा में जमीन खरीदी थी। इसमें रॉबर्ट वाड्रा और सीसी थंपी के अलावा प्रियंका गांधी का भी हिस्सा है।
इस मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी आरोपी हैं। शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी और बाद में डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी थी। इसके बदले में हुड्डा सरकार ने डीएलएफ को 350 एकड़ जमीन आवंटित की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राज्य को “दलालों और दामादों” के हवाले किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शाही परिवार देश का सबसे भ्रष्ट परिवार है और जब हाईकमान भ्रष्टाचारी होता है, तो नीचे लूट का खुला लाइसेंस मिल जाता है।

मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं’
‘सरकार हमेशा एजेंसी का दुरुपयोग करती है’
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2019 में भी एजेंसी को 20,000 से ज्यादा दस्तावेज सौंपे थे, उन्होंने समन को राजनीति से प्रेरित बताया। वाड्रा ने कहा, ‘2019 में 23,000 दस्तावेज जमा किए गए थे। जिस मामले के बारे में वे मुझसे पूछ रहे हैं, वह 20 साल पुराना मामला है। यह राजनीति से प्रेरित है। जब हम कोई लेन-देन करते हैं तो हम सभी नियमों और विनियमों का पालन करते हैं। सत्तारूढ़ सरकार हमेशा एजेंसी का दुरुपयोग करती है। वे मुझसे जितने चाहें सवाल पूछ सकते हैं। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। सब ठीक है। हम किसी के दबाव में आने वाले नहीं हैं।’