Haryana: जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है। यह प्रस्ताव उन राजनीतिक हलचलों का परिणाम है, जो पिछले कुछ समय से परिषद में चल रही थीं। 14 में से 10 पार्षद मंजू हुड्डा के खिलाफ खड़े हो गए हैं, जिससे उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है।
जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि कई पार्षदों का मानना है कि मंजू हुड्डा ने अपने कार्यकाल में कई फैसले ऐसे लिए हैं, जो गांवों के विकास के लिए हानिकारक साबित हुए हैं। इसके अलावा, पार्षदों में असंतोष की भावना भी बढ़ी है। इससे पहले, 23 अक्टूबर को इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की जानी थी, लेकिन यह बैठक अचानक रद्द हो गई, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई।Haryana
अविवाहित प्रस्ताव की बैठक दिवाली से एक दिन पहले हो रही है, जो सियासत में एक नया मोड़ दे सकती है। अगर अविश्वास प्रस्ताव पास होता है, तो यह मंजू हुड्डा के लिए एक बड़ा झटका होगा। हालांकि, अगर एक भी पार्षद गैर-हाजिर रहता है या उनके पक्ष में वोट डालता है, तो उनकी कुर्सी बच सकती है। इस समय, सभी की नजरें बैठक पर टिकी हैं, जहां पार्षदों का मत तय करेगा कि हुड्डा का राजनीतिक भविष्य क्या होगा।Haryana
जिला परिषद की बैठक से पहले पुलिस ग्रामीणों को समझाते हुए नजर आई। ग्रामीणों के बीच यह चर्चा हो रही है कि किस प्रकार इस प्रस्ताव का प्रभाव उनके विकास कार्यों पर पड़ेगा। पुलिस का यह कदम स्थिति को नियंत्रित करने और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए उठाया गया है।Haryana
सूत्रों के अनुसार, 14 में से 10 पार्षदों ने खुलकर मंजू हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोला है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ पार्षदों को विपक्षी दलों से समर्थन प्राप्त हो रहा है, जो इस प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। इन पार्षदों का कहना है कि वे ग्रामीणों के हित में फैसला लेना चाहते हैं और इसलिए अविश्वास प्रस्ताव में भाग ले रहे हैं।Haryana
अगर अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है, तो मंजू हुड्डा को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ सकती है। इससे न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होगी, बल्कि यह अन्य चेयरपर्सन के लिए भी एक मिसाल बनेगा। यह दिखाएगा कि कैसे पार्षद एकजुट होकर अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।Haryana