जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने को लेकर BJP और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। BJP ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया है और आरोप लगाया है कि जम्मू में रोहिंग्याओं को बसाने का काम कांग्रेस और नेकां ने किया। वहीं, नेकां इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ खड़ी दिखाई दे रही है, और उसने इन रोहिंग्याओं के अधिकारों की रक्षा की बात की है।
BJP के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने आरोप लगाया है कि, रोहिंग्याओं के तार आतंकवाद से जुड़े हो सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने वाले जिम्मेदार लोगों को सामने लाना चाहिए। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस दोनों ने वोट बैंक की राजनीति के तहत रोहिंग्याओं का समर्थन किया है, जो देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। रोहिंग्याओं को जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ ही उन लोगों के खिलाफ भी जांच की जाए जिन्होंने इन्हें यहां बसाया।
वहीं दूसरी ओर, नेकां इस मुद्दे पर पूरी तरह से रोहिंग्याओं के पक्ष में खड़ी है। नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और नेकां के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित पार्टी के अन्य नेता इसे मानवीय दृष्टिकोण से देख रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में हैं, उन्हें बिजली और पानी जैसी बुनियादी सेवाएं देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार ने ही रोहिंग्याओं को जम्मू में बसाया था और अब ये राज्य की जिम्मेदारी है कि उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
कांग्रेस पार्टी भी इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठी है और इसे मुस्लिम कार्ड के रूप में इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस के नेता ये कहते हुए आगे आए हैं कि जम्मू में रोहिंग्याओं को अस्थायी राहत देना एक मानवीय कदम है। उनका ये भी कहना है कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है और ये देश की सामाजिक और धार्मिक एकता को नुकसान पहुंचा सकता है।
जम्मू प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों में रोहिंग्याओं के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने का अभियान शुरू किया था। इसके बाद, नेकां और कांग्रेस दोनों ने इस कदम का विरोध किया। फारूक अब्दुल्ला ने इसे “मानवीयता के खिलाफ” बताया और राज्य सरकार से इसे तत्काल रोकने की मांग की।
वहीं भाजपा के नेताओं ने ये भी आरोप लगाया कि रोहिंग्याओं के बीच कुछ लोग आतंकवाद से जुड़े हो सकते हैं। भाजपा नेता मुनीश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा रोहिंग्याओं के समर्थन से कई सवाल उठते हैं और ये देश के हित के खिलाफ है। भाजपा ने यह मांग की है कि रोहिंग्याओं को निकाला जाए और उनके बसाने में जो लोग शामिल थे, उनकी पहचान की जाए।