पंजाबी सिनेमा और संगीत उद्योग के मशहूर गायक-अभिनेता दिलजीत दोसांझ, जिनकी आवाज़ और अभिनय लाखों दिलों को छूते हैं, इन दिनों अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। 14 दिसंबर को चंडीगढ़ में आयोजित एक लाइव शो के दौरान, दिलजीत ने अचानक यह बयान दिया कि वह अब भारत में अपने संगीत कार्यक्रम नहीं करेंगे, क्योंकि यहां के बुनियादी ढांचे की स्थिति बहुत खराब है। उनका यह बयान उनके प्रशंसकों के लिए चौंकाने वाला था, और इसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
कॉन्सर्ट के लिए खराब बुनियादी ढांचे पर बयान
चंडीगढ़ में अपने लाइव शो के दौरान दिलजीत ने सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी की कि भारत में अधिकांश शहरों में कॉन्सर्ट और लाइव शो के लिए उचित बुनियादी ढांचा नहीं है। उन्होंने कहा कि लाइव शो के दौरान कलाकारों और प्रशंसकों के लिए बेहतर सुविधाओं का होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह न सिर्फ़ कलाकारों के लिए, बल्कि कई लोगों के रोजगार और जीवन-यापन के लिए भी एक अहम जरिया है। उनका यह बयान सीधे तौर पर बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति को लेकर था और उन्होंने अधिकारियों से इसे सुधारने का अनुरोध किया।
दिलजीत ने पंजाबी में कहा, “हमारे पास यहां लाइव शो के लिए उचित बुनियादी ढांचा नहीं है। यह राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, और कई लोग काम के लिए इस पर निर्भर हैं। मैं अगली बार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करूंगा और जब तक ऐसा नहीं होता मैं भारत में शो नहीं करूंगा, यह निश्चित है।” उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई, और कई लोगों ने इसे लेकर आलोचना शुरू कर दी।
बयान से पलटी मारते हुए दी सफाई
बदले हुए माहौल में, दिलजीत दोसांझ ने कुछ समय बाद अपने बयान से पलटी मारते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया। उन्होंने कहा कि उनका बयान चंडीगढ़ के कार्यक्रम स्थल को लेकर था, न कि पूरे भारत में कॉन्सर्ट करने के बारे में। दिलजीत ने अपनी सफाई में लिखा, “नहीं। मैंने कहा था कि चंडीगढ़ (सीएचडी) में कार्यक्रम स्थल को लेकर एक समस्या है। इसलिए जब तक मुझे सही स्थान नहीं मिल जाता, मैं चंडीगढ़ में अगले शो की योजना नहीं बनाऊंगा। बस इतना ही।”
दिलजीत ने आगे कहा कि उनकी टिप्पणी पूरी तरह से चंडीगढ़ के बुनियादी ढांचे पर केंद्रित थी और इसका भारत में कॉन्सर्ट न करने के संदर्भ में कोई मतलब नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कई अच्छे स्थल हैं जहां शो किए जा सकते हैं, लेकिन चंडीगढ़ में उन्हें सही सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं।
पंजाब को ‘पंजाब’ लिखने पर विवाद
दिलजीत दोसांझ को हाल ही में एक और विवाद का सामना करना पड़ा, जब उन्होंने अपने ट्वीट में पंजाब को ‘पंजाब’ (Panjab) लिखा। इस ट्वीट के बाद उनके खिलाफ ट्रोलिंग का एक नया दौर शुरू हो गया। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे एक बड़ी गलती और साजिश का हिस्सा बताया, जबकि कुछ ने इसे देश के प्रति अपमान के रूप में देखा।
इस मामले पर दिलजीत ने अपनी अगली पोस्ट में लिखा, “अगर किसी ट्वीट में पंजाब का जिक्र करते समय एक बार तिरंगे का इमोजी छूट जाए तो इसे साजिश कहा जाता है। यहां तक कि बेंगलुरु के बारे में किए गए एक ट्वीट में भी तिरंगे का इमोजी छूट गया था। अगर पंजाब को पंजाब लिखा जाए तो इसे साजिश कहा जाता है। चाहे आप इसे पंजाब या पंजाब के रूप में लिखें। यह हमेशा पंजाब ही रहेगा।”
दिलजीत का स्पष्टीकरण: पंजाब और पंजाब
दिलजीत ने अपनी पोस्ट में आगे कहा, “पंज आब-जिसका अर्थ है पांच नदियां। विदेशियों की भाषा से अंग्रेजी वर्तनी के बारे में साजिश रचने वालों के लिए-शाबाश। मैं भविष्य में पंजाबी में लिखना शुरू करूंगा…ਪੰਜਾਬ।” उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना करने वाले लोग शायद यह नहीं समझ पा रहे थे कि उन्होंने क्या लिखा था, और उन्हें अपनी देशभक्ति को साबित करने की कोई जरूरत नहीं है।
आलोचकों को जवाब देते हुए दिलजीत
दिलजीत ने अपने आलोचकों को यह भी कहा कि वह जानते हैं कि लोग उनके खिलाफ बात करते रहेंगे, लेकिन वह कभी नहीं रुकेंगे। उन्होंने लिखा, “मुझे पता है कि आप नहीं रुकेंगे। चलते रहो। हमें कितनी बार यह साबित करना चाहिए कि हम भारत से प्यार करते हैं। कुछ नया लेकर आओ दोस्तों।”
यह बयान उनके लिए न केवल एक व्यक्तिगत रक्षा थी, बल्कि यह एक बौद्धिक और सांस्कृतिक रूप से समझाने की कोशिश भी थी कि पंजाब का नाम कभी भी भारत के लिए अपमानजनक नहीं हो सकता, चाहे उसे किसी भी भाषा में लिखा जाए।
दिलजीत की प्रतिक्रिया और पब्लिक इमेज
दिलजीत दोसांझ का यह पूरा मामला उनकी पब्लिक इमेज पर असर डाल सकता है, क्योंकि उनके प्रशंसकों और आलोचकों दोनों ने ही उनके शब्दों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिलजीत एक सफल अभिनेता और गायक हैं, और उनका हर कदम लाखों लोगों के लिए मायने रखता है। उनके लिए यह जरूरी है कि वह अपने संदेशों को साफ तरीके से प्रस्तुत करें, ताकि किसी भी विवाद से बचा जा सके।
उनकी सफाई के बाद भी, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में वह अपने शो और बयान के दौरान किस तरह के कदम उठाते हैं। क्या वह भविष्य में अपनी मंच पर प्रदर्शन के लिए स्थलों के चयन पर और भी सतर्क रहेंगे? यह भी एक सवाल है, क्योंकि बुनियादी ढांचे की स्थिति और उसे लेकर उनकी चिंताएं स्पष्ट हो चुकी हैं।