दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पांच फरवरी को वोटिंग होगी जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने जोर-शोर के साथ तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं, दिल्ली के पूर्व सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजनक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के सामने मिडिल क्लास को लेकर अपनी सात मांग रखी है।
केजरीवाल ने कहा, चुनाव के दौरान जाति और धर्म के नाम कई वादें किए जाते है लेकिन मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का विक्टिम है वो किसी भी पार्टी के एजेंडे में नहीं है। ऐसे में हम मांग करते है कि देश के अगले बजट मिडिल क्लास को समर्पित हो जिसके लिए हमारी सात सूत्रीय मांगे है।
क्या है केजरीवाल की 7 मांगे ?
केंद्रीय बजट में शिक्षा को लेकर धनराशि 2 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी की जाए
निजी स्कूलों में बढ़ती फीस को नियंत्रित किया जाए
उच्चा शिक्षा के लिए सब्सिडी लाई जाए
स्वास्थ्य बजट 10 फीसदी बढ़ाया जाए
जरूरी सामानों से जीएसटी हटाया जाए
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना लाई जाए
रेलवे में बुजुर्गों के लिए 50 फीसदी की रियायत दी जाए
उन्होंने आगे कहा कि, देश का मिडिल क्लास सिर्फ टैक्स भरता है और सरकार भी मध्यम वर्ग से सिर्फ टैक्स लेती है लेकिन इस वर्ग को सरकार से क्या मिलता है? उनकी 50 फीसदी आमदनी सिर्फ टैक्स भरने में चली जाती है। जीते-जी तो टैक्स देना ही पड़ता है लेकिन मरने के बाद भी टैक्स देना पड़ता है, हर चीज पर मिडिल क्लास को टैक्स भरना पड़ा है।
केजरीवाल ने कहा कि भारत का मिडिल क्लास सरकार के टैक्स टेररिज्म का शिकार बन गया है लेकिन हमारी पार्टी जनता का पैसा जनता पर ही खर्च करती है। हमने मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचाने के लिए बिजली और पानी सस्ता किया है। हमने टैक्स का पैसा दिल्ली में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया है।
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