दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, और अब सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनावी रण का आगाज 5 फरवरी को होने जा रहा है। इस बार के चुनाव में दिल्ली की राजनीति एक बार फिर से तीव्र और चुनौतीपूर्ण नजर आ रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और सभी नेता अपनी-अपनी जीत के लिए प्रचार कर रहे हैं। इस चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस के नेताओं के बीच तीखे बयानबाजी के साथ-साथ चुनावी घोषणाओं का दौर भी तेज हो चुका है।

इस लेख में हम दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा शुरू किए गए क्राउडफंडिंग अभियान, भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बयानों, और चुनावी प्रचार की रणनीतियों पर विस्तार से बात करेंगे।

मुख्यमंत्री आतिशी का क्राउडफंडिंग अभियान

दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की प्रमुख नेता आतिशी ने अपने चुनाव प्रचार के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र, कालकाजी से 40 लाख रुपये जुटाने के लिए एक क्राउडफंडिंग अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत, आतिशी ने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे अपनी इच्छानुसार पैसे दान करें। उनका कहना था, “हम बड़े व्यापारियों से पैसे नहीं लेते हैं। हम जनता से पैसा जुटाते हैं, जो आम आदमी पार्टी की ईमानदार राजनीति का समर्थन करते हैं।”

आतिशी ने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य जनता से सीधे संवाद स्थापित करना है और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। आम आदमी पार्टी का यह क्राउडफंडिंग अभियान अन्य राजनीतिक दलों के लिए एक नया संकेत है, क्योंकि आमतौर पर चुनावी चंदे में बड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों का योगदान अधिक देखा जाता है।

आतिशी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में जबरदस्त काम किया है, और वह उसी काम को जारी रखना चाहती हैं। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे उनका समर्थन करें और अपनी छोटी-छोटी राशियों से इस अभियान में भाग लें, ताकि वे चुनावी खर्च के लिए धन जुटा सकें।

भा.ज.पा. के नेताओं के बयानों और रणनीतियों का प्रचार

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। भाजपा ने हाल ही में अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें अनुभवी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पार्टी ने जो कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है, वे सभी अनुभवी और समर्पित हैं, और भाजपा का दावा है कि इस बार दिल्ली में “डबल इंजन” की सरकार बनेगी, जो भारी बहुमत से जीत दर्ज करेगी।

भा.ज.पा. के नेता हरीश खुराना ने मोती नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपने नामांकन की घोषणा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार व्यक्त किया। हरीश खुराना ने मोती नगर के विकास के लिए अपनी योजनाओं को भी साझा किया और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वे इस क्षेत्र को आदर्श क्षेत्र बना सकते हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी अरविंद केजरीवाल की सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में अरविंद केजरीवाल ने झुग्गीवासियों को केवल धोखा दिया है और उन्हें भड़काया है। वीरेंद्र सचदेवा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि हर झुग्गीवासी को पक्का मकान मिलेगा और दिल्ली में डबल इंजन की सरकार उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम करेगी।

भा.ज.पा. की रणनीति इस बार दिल्ली के विकास के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की है, और पार्टी ने दिल्ली के झुग्गीवासियों के लिए नए मकानों की योजना का एलान किया है। भाजपा के नेता आरोप लगा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने झुग्गीवासियों के लिए कुछ नहीं किया और उनकी योजनाएं पूरी तरह विफल रही हैं।

कांग्रेस के नेताओं के बयानों और चुनावी दृष्टिकोण

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है। कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट से उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि झुग्गीवासियों को पक्का मकान मिलेगा। संदीप दीक्षित ने दावा किया कि भाजपा की सरकार ने झुग्गीवासियों के लिए कुछ नहीं किया है और जो मकान दिए गए हैं, वे वही इमारतें हैं जिनका शिलान्यास कांग्रेस ने 2011-12 में किया था।

संदीप दीक्षित ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे झुग्गीवासियों के लिए कोई ठोस योजना नहीं लेकर आए हैं, और उनकी बातों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे आम आदमी पार्टी ने झुग्गीवासियों के लिए कुछ नहीं किया, उसी तरह भाजपा भी पूरी तरह से विफल रही है।

कांग्रेस की रणनीति इस बार दिल्ली के विकास के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाकर अपनी बात रखने की है। पार्टी ने इस चुनाव में अपना ध्यान दिल्ली के मूलभूत समस्याओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, और बेरोजगारी पर केंद्रित किया है। कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के विकास के लिए अपनी योजनाओं को भी जनता के बीच प्रस्तुत किया है, और पार्टी ने यह दावा किया है कि अगर दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो वह सभी वर्गों के लिए समान रूप से काम करेगी।

चुनावी प्रचार का माहौल और आगामी चुनावी रणनीतियाँ

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में प्रचार का माहौल काफी गरमाया हुआ है। विभिन्न दलों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं और जनता को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया का प्रभाव भी बहुत बड़ा रहने वाला है, क्योंकि राजनीतिक दलों ने डिजिटल प्रचार को अहमियत दी है।

आम आदमी पार्टी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने चुनाव प्रचार को और बढ़ाया है, जबकि भाजपा ने भी टीवी और रेडियो के माध्यम से अपने संदेश को जनता तक पहुंचाने की पूरी तैयारी की है। कांग्रेस भी अपने पारंपरिक प्रचार माध्यमों के साथ-साथ डिजिटल प्रचार में भी सक्रिय है।

चुनाव के पहले, दिल्ली में राजनीतिक माहौल में जो गर्माहट देखी जा रही है, वह आगामी दिनों में और तीव्र होने की संभावना है। नेता एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं, और चुनावी वादों का दौर भी जारी है। दिल्ली की जनता को यह तय करना है कि वे अगले पांच वर्षों के लिए किसे अपना प्रतिनिधि चुनते हैं।

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