हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हमेशा हरियाणा के भले के लिए काम करते हैं। अगर कुछ कड़े फैसले लेते भी हैं तो इसमें हरियाणा की जनता की ही भलाई होती है। अभी हाल ही में हरियाणा में बिजली बिल की दरों में बढ़ोतरी की गई है।  इसे कह सकते हैं कि ये नायब सिंह सैनी का कड़ा फैसला है। जिसको लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठा दिए।  विपक्ष ने इसे महंगाई का झटका बताया। लेकिन जब इसकी हकीकत जानेंगे तो आपको पता चलेगा की ये तो जनता के लिए फायदे की ही बात है। सीएम सैनी ने विपक्ष के इन आरोपों को गुमराह करने वाला बताया

300 यूनिट तक बिजली खपत पर कोई फिक्स चार्ज नहीं

दरअसल नायब सिंह सैनी के कार्यकाल में बिजली की व्यावस्था में काफी सुधार हुआ है। पहले जहां लंबे-लंबे बिजली के कट लगते थे। वो अब लगभग खत्म हो गए। वहीं जो बिजली के दरों में बढ़तरी हुई है। उसके साथ ही जनता को सैनी सरकार ने एक फायदा भी दिया है। क्योंकि नई टैरिफ संरचना से न्यूनतम मासिक शुल्क यानीकि MMC को हटा दिया गया है। अब 300 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं से अब कोई फिक्स चार्ज नहीं लिया जा रहा। जबकि पहले सभी उपभोक्ताओं को चाहे बिजली की वो खपत करें या ना करें फिक्स चार्ज देना ही होता था।

बिजली उपभोक्ताओं को मिल रहा फायदा

सरकार के इस फैसले से 25 यूनिट तक बिजली बिलों में साढ़े 72 प्रतिशत तो 50 यूनिट तक के बिलों में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 2014-15 में 25 यूनिट तक बिजली का बिल 68 रुपए आता था और 2015-16 वित्तीय वर्ष में ये 200 रुपए था। अब सरकार की ओर से बिजली दलों की प्रणाली में किए गए बदलाव के बाद 25 यूनिट तक के बिजली बिलों का केवल 55 रुपए बिजली बिल रहा है। इसी तरह बिजली बिल में 72.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। 2014-15 में 50 यूनिट का 153 रुपए बिल आता था जो अब कम होकर 110 रह गया है। जो 45 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है।

100 यूनिट तक 35.19 प्रतिशत की बचत

2014-15 में 100 यूनिट तक 378 रुपए बिजली बिल आता था जो अब  में 245 रह गया है, यानिकि करीब 35.19 प्रतिशत की कमी। 2014-15 में 150 यूनिट तक औसत 603 रुपए बिल आता था जो चालू वित्त वर्ष में कम होकर 443 रुपए रह गया है। 2014-15 में 200 यूनिट तक 828 रुपए बिजली बिल आता था जो चालू वित्त वर्ष में 14.86 प्रतिशत गिरावट के साथ 705 रुपए रह गया है। 2014-15 में 250 यूनिट तक 1053 रुपए बिजली बिल आता था जो अब 8.12 प्रतिशत गिरावट के साथ 968 रुपए रह गया है। 300 यूनिट तक बिजली बिल 2014-15 में 1316 रुपए आता था जो अब साढ़े 6 फीसदी गिरावट के साथ 1230 रुपए रह गया है।

सीएम सैनी की हुड्डा और सुरजेवाला को चुनौती

इन आंकड़ों को पेश कर सीएम नायब सिंह सैनी ने भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला को चुनौती देते हुए कहा कि बिजली बिल पर बात करनी है, तो जनता के बीच में आकर फैक्ट के साथ बात करें। इस तरह की झूठ बातें बोलकर जनता को बरगलाने का काम करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि कि 26 अक्तूबर 2014 से लेकर 12 मार्च 2024 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल ने बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार किया। अब उन्हीं सुधारों को हरियाणा के मौजूदा मुख्यमंत्री आगे बढ़ा रहे हैं।

24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई

म्हारा गांव-जगमग गांव योजना के तहत योजना के तहत मार्च 2025 तक 5881 से अधिक गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई। जबकि अक्तूबर 2014 तक 538 गांवों में ही 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जा रही थी। अक्तूबर 2014 तक प्रदेश में बिजली का लाइन लोस 31 प्रतिशत था। इससे बिजली निगम सालाना 3 हजार करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा था। लेकिन बीजेपी सरकार में बिजली का लाइन लोस करीब 18 फीसदी कम हुआ है। इससे घाटे में चल रहा बिजली निगम मुनाफे की पटरी पर आ गया। इन आंकड़ों से पता चलता है कि मनोहर लाल खट्टर के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी बिजली के सुधारीकरण पर फोकस कर रहे हैं और लगातार उपभोक्ताओं को राहत देने का काम किया जा रहा  है। अपने साढ़े 10 सालों के शासनकाल के दौरान भाजपा ने बिजली की क्षमता में वृद्धि की। आधारभूत ढांचे को मजबूत किया और लगातार जनता के हित में योजनाएं लागू की।

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