कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में “शक्ति अभियान” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं के हितों के लिए समान स्थान सुनिश्चित करना है। इस पहल के बारे में जानकारी साझा करते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि सच्ची समानता और न्याय के लिए राजनीति में महिलाओं की अधिक आवश्यकता है।

शक्ति अभियान का परिचय

शक्ति अभियान भारतीय युवा कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करती है। यह अभियान उन महिलाओं के लिए विशेष रूप से समर्पित है, जो राजनीति में बदलाव लाना चाहती हैं और अपनी आवाज को उठाना चाहती हैं। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि यह अभियान उन महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ना चाहती हैं।

महिलाओं की भूमिका

राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि “हमने एक साल पहले राजनीति में महिलाओं की आवाज़ को बढ़ाने के लिए मिशन के साथ इंदिरा फ़ेलोशिप शुरू की थी।” उन्होंने कहा कि यह पहल अब एक शक्तिशाली आंदोलन का रूप ले चुकी है, जो महिलाओं के नेतृत्व को मजबूत कर रही है।

राहुल गांधी का मानना है कि “राजनीति में अधिक महिलाओं की आवश्यकता है”। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान महिलाओं के लिए एक मंच प्रदान करता है, जहाँ वे अपनी आवाज उठा सकती हैं और राजनीति में सक्रिय भागीदार बन सकती हैं।

इंदिरा फ़ेलोशिप की भूमिका

इंदिरा फ़ेलोशिप का लक्ष्य पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सम्मान में राजनीति में महिलाओं की आवाज को बढ़ाना है। यह फेलोशिप महिलाओं को सक्षम बनाती है, ताकि वे राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए काम कर सकें। राहुल गांधी ने बताया कि इस फेलोशिप के माध्यम से कई महिलाएं अपने विचारों को व्यक्त कर रही हैं और अपने अधिकारों के लिए लड़ रही हैं।

राजनीतिक समानता की आवश्यकता

शक्ति अभियान का एक मुख्य उद्देश्य राजनीति में समानता को बढ़ावा देना है। राहुल गांधी ने कहा, “सच्ची समानता और न्याय के लिए राजनीति में महिलाओं की अधिक आवश्यकता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक भागीदारी मिलनी चाहिए, ताकि वे अपने समुदायों और समाज के विकास में योगदान कर सकें।

शक्ति अभियान के अंतर्गत कई कार्य और उद्देश्यों को परिभाषित किया गया है:

  1. महिलाओं की भागीदारी: राजनीति में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
  2. शिक्षा और जागरूकता: महिलाओं को उनके अधिकारों और राजनीतिक प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक करना, ताकि वे स्वतंत्रता से अपनी आवाज उठा सकें।
  3. सामाजिक सशक्तिकरण: महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और प्रशिक्षण प्रदान करना।
  4. जमीनी स्तर के संगठन: महिलाओं के लिए मजबूत जमीनी स्तर के संगठनों का निर्माण करना, ताकि वे अपने समुदाय में प्रभावी रूप से काम कर सकें।

राहुल गांधी ने सभी महिलाओं से अपील की कि वे इस शक्ति अभियान का हिस्सा बनें और “महिला केंद्रित राजनीति” में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने कहा, “एक साथ मिलकर हम गांवों से लेकर पूरे देश तक बदलाव ला सकते हैं।”

शक्ति अभियान का यह प्रयास न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने का है, बल्कि यह समाज में एक व्यापक बदलाव लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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