हाल ही में नासिक में अग्निवीरों की प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान दो जवानों की मौत ने एक बार फिर से ‘अग्निपथ योजना’ को विवादों में ला दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर तीखे सवाल दागे हैं। उनका कहना है कि यह घटना न केवल जवानों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक बड़ा दुख है, और इससे अग्निपथ योजना पर गंभीर सवाल उठते हैं।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने कहा, “नासिक में प्रशिक्षण के दौरान अग्निवीर गोहिल विश्वराज सिंह और सैफद की मौत बहुत दुखद है। मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।” उन्होंने इस घटना को आधार बनाकर अग्निपथ योजना की कई खामियों को उजागर करने की कोशिश की। उन्होंने यह भी पूछा कि “एक सैनिक का जीवन दूसरे से अधिक कीमती क्यों है?”
पेंशन और मुआवजे का सवाल
गांधी ने इस संदर्भ में यह भी बताया कि जिन दो अग्निवीरों की मौत हुई, उनके परिवारों को शहीद सैनिकों के समान पेंशन और अन्य लाभ क्यों नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा, “क्या गोहिल और सैफद के परिवारों को शहीद सैनिकों के बराबर मुआवजा मिलेगा?” इस सवाल ने अग्निपथ योजना की क्रियान्वयन में भेदभाव की चर्चा को और बढ़ा दिया है।
अग्निपथ योजना का विरोध
राहुल गांधी ने कहा कि अग्निपथ योजना वास्तव में सैनिकों के साथ अन्याय है और यह उनके बलिदान का अपमान करती है। उनका कहना है कि जब दोनों सैनिकों की जिम्मेदारियां और बलिदान समान हैं, तो उनके शहीद होने के बाद यह भेदभाव क्यों? उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बड़ा अन्याय है, जिसके खिलाफ सभी को एकजुट होना चाहिए।
“जय जवान” आंदोलन की अपील
गांधी ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे इस ‘अन्याय’ के खिलाफ एकजुट हों। उन्होंने अपने ‘जय जवान’ आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया ताकि भाजपा सरकार की अग्निवीर योजना को समाप्त किया जा सके और देश के युवाओं व सेना का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
अग्निपथ योजना का मूल उद्देश्य
अग्निपथ योजना का उद्देश्य भारतीय सेना में युवाओं को शामिल करना है, लेकिन इसके क्रियान्वयन और इससे जुड़ी विवादास्पद बातें इस योजना के वास्तविक उद्देश्य पर सवाल उठाती हैं। योजना के तहत चार साल के अनुबंध पर युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा, लेकिन इसके बाद उनकी स्थायी नियुक्ति का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कांग्रेस के अलावा, अन्य विपक्षी दलों ने भी अग्निपथ योजना के खिलाफ आवाज उठाई है। विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने इसे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। इस मुद्दे पर संसद में भी चर्चा हो रही है, और इसे आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानकर चलने की संभावना है।