उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में कांग्रेस पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की विरासत का अपमान करने और उनके विचारों का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कांग्रेस द्वारा आंबेडकर को उपेक्षित किए जाने और उन्हें भारत रत्न देने में देरी करने का भी जिक्र किया.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को आगरा पहुंचे. यहां उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक फायदे के लिए बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के विचारों को अपनाने का नाटक कर रही है. कांग्रेस उनकी विरासत का व्यवस्थागत तरीके से अपमान कर रही है. सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सियासी लाभ के लिए संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने हर मौके पर बाबा साहेब को दरकिनार करने की कोशिश की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से कांग्रेस से सवाल किया, 1952 और 1954 के उपचुनाव में बाबा साहेब को किसने हराया? आजाद भारत के पहले मंत्रिमंडल में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के शामिल होने का किसने विरोध किया? उन्होंने कहा, बाबा साहेब के पूरे जीवनकाल में उनका अपमान करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता अब अपने हाथों में संविधान लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.

कांग्रेस ने संविधान की आत्मा पर हमला किया

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर संविधान की प्रस्तावना में छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने इसे संविधान की आत्मा पर हमला करार दिया. सीएम ने कहा, जिस तरह से शरीर के लिए आत्मा जरूरी है, ठीक उसी तरह संविधान के लिए प्रस्तावना अहम है. कांग्रेस ने देश पर इमरजेंसी थोपकर संविधान का गला घोंटा. सीएम ने कांग्रेस पर दिल्ली में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का स्मारक बनाने से दशकों तक इनकार करने और उन्हें भारत रत्न ना देने का भी आरोप लगाया.

दिल्ली में बाबा साहेब के लिए एक इंच जमीन नहीं दी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, एक ओर कांग्रेस के परिवारों को 50 एकड़ का स्मारक उपहार में दे दिया गया, दूसरी ओर दिल्ली में बाबा साहेब के लिए एक इंच जमीन नहीं दी गई. उन्होंने कहा, वो अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने उस सरकार का समर्थन किया, जिसने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को भारत रत्न दिया.

सीएम योगी ने कहा, कुछ लोग कह रहे हैं कि उनके लिए संविधान से बढ़कर शरीयत है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत तो बाबा साहेब के द्वारा बनाए गए संविधान से चलेगा, जहां शरीयत का कानून लागू होता है, उनको वहां जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी हमला बोला और कहा, याद कीजिए यही पार्टी थी, जिसने बाबा साहेब के नाम पर बनाए गए मेडिकल कॉलेज का नाम बदल दिया था. हमारी सरकार ने फिर से बाबा साहेब के नाम पर उस मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया.

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