अयोध्या पहुंचे सीएम योगी

अयोध्या, उत्तर प्रदेश: शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर दर्शन किए। मुख्यमंत्री का यह दौरा विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने और सनातन धर्म के महत्व को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से था। उन्होंने अयोध्या की धार्मिक धरोहर और सनातन धर्म को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया और देश की समृद्ध सांस्कृतिक धारा को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री योगी का अयोध्या दौरा और धार्मिक अनुष्ठान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हेलीपैड रामकथा पार्क पर आगमन के बाद, उन्होंने पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद, वे रामलला के दर्शन के लिए श्रीराम जन्मभूमि गए। इस दौरान, उन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया और अशर्फी भवन में आयोजित पंच नारायण महायज्ञ में आहुति अर्पित की। यह यज्ञ अयोध्या में सनातन धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

सीएम योगी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि, “श्री हरि की कृपा से ही यह सृष्टि संचालित होती है और अयोध्या धाम त्रेतायुग की अवधारणा को जीवित कर रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि, “यदि हम चाहते हैं कि विश्व मानवता बची रहे, तो सनातन धर्म को सुरक्षित रखना होगा। सनातन धर्म वह आधार है, जिस पर इस देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धारा टिकी हुई है।”

सनातन धर्म की महिमा और उसकी रक्षा की आवश्यकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत के अंदर सनातन धर्म ही राष्ट्रीय धर्म है। उनका मानना है कि यह धर्म न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “दुनिया के प्रत्येक जाति, मजहब, संप्रदाय को विपत्ति के समय सनातन धर्म ने शरण दी है।”

सीएम ने यह भी उल्लेख किया कि, “आज हम यह देख रहे हैं कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदू समुदाय के लोग किस प्रकार परेशानियों का सामना कर रहे हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही वह आधार है, जो विश्व शांति की स्थापना में सक्षम है और इसलिए इसकी रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के धार्मिक स्थलों और मंदिरों को तोड़े जाने के इतिहास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “काशी विश्वनाथ, राम जन्मभूमि, मथुरा, संभल, हरिहर भूमि जैसे स्थानों पर कभी मंदिरों को तोड़ा गया, अपवित्र किया गया, और इन मंदिरों की अपवित्रता करने वाले लोगों का कुल वंश नष्ट हो गया।” यह बयान उन्होंने उन ऐतिहासिक घटनाओं की ओर इशारा करते हुए दिया, जब मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदू मंदिरों को नष्ट किया था।

अयोध्या पहुंचे सीएम योगी

भारत का सांस्कृतिक धरोहर और उसका संरक्षण

मुख्यमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक परंपराओं को संरक्षित रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि, “हमारी सांस्कृतिक धरोहर, हमारे इष्ट देवताओं, धर्म स्थलों और मान बिंदुओं से जुड़ी है। यदि हम इन मूल्यों को याद कर आगे बढ़ेंगे तो भारत एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनेगा।”

सीएम ने यह भी कहा कि “विरासत और भौतिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। केवल भौतिक विकास से हम अपने सांस्कृतिक मूल्य नहीं खो सकते।” उनका यह बयान विशेष रूप से आधुनिकता की ओर बढ़ते समाज में सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक मूल्यों के महत्व को समझाने की कोशिश थी।

राम मंदिर के निर्माण और उसकी ऐतिहासिक महत्ता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के निर्माण को एक ऐतिहासिक घटना के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “पंच नारायण महायज्ञ में हम सब मिलकर इस धर्मभूमि को पुनः पवित्र कर रहे हैं। 5 फरवरी 2020 को पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर की आधारशिला रखी गई थी, और अब 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।” उन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को लेकर कहा कि, “कौन ऐसा होगा, जिसकी आंखों में श्रद्धा के आंसू न आए होंगे।”

राम मंदिर के निर्माण को लेकर सीएम योगी ने कहा कि यह केवल एक धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर का पुनर्निर्माण है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक क्षण को गर्व से याद रखें और इसका हिस्सा बनें।

सीएम योगी की समीक्षा बैठक

धार्मिक अनुष्ठान और राम मंदिर से जुड़े कार्यों के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू अतिथि गृह में एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने महाकुंभ और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वर्षगांठ महोत्सव की तैयारियों पर चर्चा की। साथ ही, मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ भी संवाद किया और आगामी चुनावों की तैयारियों का आकलन किया।

इस बैठक में यूपी सरकार के प्रमुख मंत्री जैसे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, खाद्य रसद मंत्री सतीश शर्मा, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, और खेलकूद मंत्री गिरीश यादव भी उपस्थित थे। सीएम ने सभी मंत्रीगणों से संबंधित कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और आगामी योजनाओं के बारे में चर्चा की।

सीएम योगी का संदेश और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या दौरा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने इस दौरे के माध्यम से सनातन धर्म की महिमा को पुनः स्थापित करने की कोशिश की और भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों की रक्षा का आह्वान किया। उनका यह विश्वास है कि भारत की समृद्धि और विश्व शांति की कुंजी सनातन धर्म में है और इस धर्म के संरक्षण के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।

सीएम योगी ने यह भी कहा कि यूपी सरकार अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। अयोध्या का धार्मिक महत्व न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में है, और इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई परियोजनाओं पर काम शुरू किया है।

इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है, और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

 

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