उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में गोरखपुर से तीसरी बार चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब दिया, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई। सीएम योगी ने इस सवाल के जवाब में कहा, “मैं कोशिश नहीं करूंगा. हमारी पार्टी कोशिश करेगी। भाजपा का कोई भी सदस्य मुख्यमंत्री बन सकता है।” उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में चर्चाओं को जन्म दे दिया, क्योंकि यह साफ संकेत था कि पार्टी नेतृत्व के फैसले के अनुसार, उनका तीसरी बार चुनाव लड़ने का निर्णय होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका प्राथमिक उद्देश्य उत्तर प्रदेश के विकास और जनता की सेवा है। उनका कहना था कि पार्टी के निर्णय के बाद वह वही करेंगे जो पार्टी तय करेगी। योगी का यह बयान विपक्षी दलों द्वारा उनके खिलाफ उठाए गए सवालों को भी जवाब देने की कोशिश था, जिनके मुताबिक, योगी आदित्यनाथ केवल गोरखपुर से चुनाव लड़ने तक सीमित रह सकते हैं।
आठ सालों की उपलब्धियां:
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उत्तर प्रदेश सरकार की आठ सालों की उपलब्धियों के बारे में पूछा गया, तो योगी ने गर्व से कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि, युवाओं से जुड़े मुद्दे, इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, लॉ एंड ऑर्डर, टूरिज्म और राज्य की विरासत में बेहतरीन समन्वय देखने को मिला है। उनके अनुसार, ये सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश ने देश भर में अपने बेहतर कार्यों का उदाहरण प्रस्तुत किया है। योगी ने प्रदेश में हुए कई महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख किया, जैसे विकास की तेज गति, निवेश के अवसर, और मुख्यमंत्री योगी की व्यक्तिगत भूमिका को भी खास तौर पर सराहा गया।
विपक्ष पर हमला:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के मामले में विपक्षी नेताओं के बयानों का भी जवाब दिया। विपक्ष ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहकर आलोचना की थी, जिस पर योगी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे “मृत्युकुंभ” कहने की आलोचना करते हुए इसे “मृत्युंजय महाकुंभ” बताया। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ में हर दिन पश्चिम बंगाल से 50 हजार से एक लाख भक्त पवित्र डुबकी लगाने के लिए आते थे। उनके मुताबिक, महाकुंभ का आयोजन पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय और ऐतिहासिक घटना था, जिसे विपक्ष ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
योगी के इस बयान ने विपक्ष के खिलाफ सख्त रुख दिखाया, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की नीतियों को जनता का भारी समर्थन प्राप्त है। उनके अनुसार, सरकार की उपलब्धियों को किसी भी कीमत पर नकारा नहीं जा सकता।
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल उत्तर प्रदेश के आगामी चुनावों को लेकर सियासी चर्चाओं को जन्म देता है, बल्कि यह भी बताता है कि उनकी पार्टी भाजपा के भीतर नेतृत्व के लिए एक खुले विकल्प की संभावनाओं पर विचार हो सकता है। उनके उत्तर प्रदेश की सशक्त स्थिति को लेकर किए गए दावे और विपक्ष के आरोपों के खिलाफ जवाब, यह दर्शाते हैं कि वह आगे आने वाली चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार हैं।