हरियाणा के उन किसानों के लिए अच्छी खबर है। जिन किसानों की गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई। नायब सिंह सैनी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पीड़ित किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है। पोर्टल पर किसान 1 मई तक आगजनी से गेहूं की फसल के नुकसान का दावा पेश कर सकते हैं। सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल और रोहतक न सात जिलों के 102 गांवों में आग के कारण फसल को भारी नुकसान होने की सूचना मिली है।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें नुकसान का दावा

हरियाणा सरकार में वित्तीय आयुक्त राजस्व सुमिता मिश्रा ने सातों जिलों के डीसी को भेजे लेटर में निर्देश दिया कि वे किसानों से कहें कि वे अपने फसल नुकसान के दावों को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें। ताकि सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के बारे में निर्णय ले सके। कृषि विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकार संबंधित डीसी के जरिए किसानों की ओर से अपलोड की गई रिपोर्ट का सत्यापन करने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री नायब सैनी मुआवजा पैकेज का ऐलान करेंगे।

814 एकड़ गेहूं की फसल जलकर राख

इससे पहले कृषि विभाग ने अनुमान लगाया था कि आग की घटनाओं के कारण 814 एकड़ से अधिक की  खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। जिससे 312 किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ। खेतों के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइनों के कारण शॉर्ट सर्किट को आग की घटनाओं का मुख्य कारण बताया गया। हरियाणा में गेहूं के खेतों में आग की घटनाओं ने सबसे ज्यादा सिरसा जिले को प्रभावित किया है, जहां 266.28 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे 57 किसान प्रभावित हुए हैं। बता दें कि ऐसी घटनाएं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आती हैं, जो बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को कवर करती है, लेकिन फिर भी हरियाणा सरकार किसानों को मुआवजा देने के लिए इच्छुक है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहले ही संबंधित उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी थी

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