हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार प्रदेश की सस्कृति का बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हरियाणा की पहचान को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी चला रही है। धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए भी सैनी सरकार की ओर से कई प्रयास किए भी जा रहे हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई फैसले किए है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे हरियाणा को नई पहचान मिलेगी है।

कुरुक्षेत्र की पावन धरा से गीता का प्राकट्य हुआ: CM

दरअसल मुख्यमंत्री ने विक्रमी संवत की संध्या पर कुरुक्षेत्र में आयोजित आरती में भाग लेते हुए बड़ा ऐलान किया। सीएम ने कहा कि अब आस्था और सांस्कृतिक नगरी कुरुक्षेत्र को कुरुक्षेत्र धाम कहा जाएगा। सीएम नायब सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र को कुरुक्षेत्र धाम का दर्जा बहुत पहले मिल जाना चाहिए था, लेकिन इस विषय पर पहले किसी ने विचार नहीं किया। सीएम ने कहा कि कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ गीता कहा जाता है। कुरुक्षेत्र की पावन धरा से गीता का प्राकट्य हुआ है। गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है। दुनिया में गीता के कारण कुरुक्षेत्र की पहचान है, जो हर हरियाणा वासी के लिए गर्व की बात है। कई धार्मिक संस्थाओं ने कुरुक्षेत्र को धाम का दर्जा देने की घोषणा पर सीएम नायब सैनी का आभार व्यक्त किया।

कुरुक्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है

बता दें कि कुरुक्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी है। यहीं पर महाभारत की लड़ाई हुई थी और भागवान श्री कृष्ण ने यहीं पर गीता उपदेश देकर इस भूमि को पवित्र बनाया था। कुरुक्षेत्र के चप्पा-चप्पा और आस्था का प्रतीक है। इस पावन धरा के कण-कण में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश सम्माहित है। कुरुक्षेत्र वेदों और वैदिक संस्कृति से जुड़ा होने के कारण एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान है। कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि को भी महत्वपूर्ण माना जाता है, जहाँ कई तीर्थ स्थान और धार्मिक स्थल स्थित हैं। कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर एक महत्वपूर्ण तीर्थ है, जहाँ स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। ज्योतिसर वह स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवत गीता का उपदेश दिया था।

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