यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने देश के मुस्लिमों को बड़ी सलाह दी है। इसके लिए उन्होंने इंडोनेशिया का उदाहरण दिया है। दरअसल 26 जनवरी के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत के मेहमान बने थे। इसी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत के मुस्लिमों को अपने पूर्वजों पर गर्व करने की सलाह दी है। दरअसल लखनऊ के ताज होटल में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा कि

‘इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, वहां के राष्ट्रपति अपने भारतीय डीएनए पर गर्व करते हैं। उनका नाम भी संस्कृत से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया में राम को पूर्वज माना जाता है, गरुड़ उनकी राष्ट्रीय एयरलाइंस है, गणपति उनकी मुद्रा पर है और रामलीला उनका राष्ट्रीय त्योहार है। भारत में रहकर, इस धरती का उपभोग करने वाली बड़ी आबादी, जो दुर्भाग्य से केवल वोट बैंक बनकर रह गई है, क्या वे स्वीकार कर पाएंगे कि उनके पूर्वज राम थे’

इन मुद्दों पर भी बोले CM आदित्यनाथ योगी

सीएम योगी ने कार्यक्रम में देश और प्रदेश में चल रहे कई ज्वलंत मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने भारत के अल्पसंख्यकों, बिजली चोरी, वक्फ कानून, तुष्टिकरण की राजनीति और कुंभ 2025 की तैयारियों जैसे विषयों पर विस्‍तार से बात की। गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के खास मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो शामिल हुए थे। 25 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से आयोजित भोज में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने कहा कि उनका डीएनए भारतीय है। जब भी वह भारतीय संगीत सुनते हैं तो वह खुश होकर डांस करने लगते हैं। भोज के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा, भारत और इंडोनेशिया का एक लंबा, प्राचीन इतिहास है। हमारे बीच सभ्यतागत संबंध हैं। यहां तक ​​कि आज भी हमारी भाषा का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा संस्कृत से आता है। इंडोनेशिया के कई नाम वास्तव में संस्कृत नाम हैं और हमारे रोजाना जीवन में प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रभाव बहुत मजबूत है. मुझे लगता है कि यह हमारी जेनेटिक्स का भी हिस्सा है।

जरूरत के अनुसार वक्फ कानून में बदलाव: योगी

वक्फ कानून में बदलाव पर विपक्षी नेताओं द्वारा दी जा रही चेतावनियों पर मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि समय की जरूरत के अनुसार वक्फ कानून में बदलाव हो रहा है। मुझे खुशी है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस संशोधन पर काम किया है। उम्मीद है कि अगले सत्र में इसे लागू किया जाएगा। सीएम ने स्पष्ट किया कि किसी भी बदलाव का उद्देश्य समाज में पारदर्शिता और न्याय को सुनिश्चित करना है। उत्तर प्रदेश में वक्फ ने एक लाख 27 हजार संपत्तियों पर अपना दावा किया था। जिसे हमने जांच कराया तो वह सिर्फ 7 हजार ही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति राजस्व की होती है वहां थाने बने या अन्य सार्वजनिक उपयोग या प्रशासनिक उपयोगी के भवन किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए और संभल में किसी ने आपत्ति भी नहीं की।

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