CLOUD: क्या आप जानते हैं कहां रहते हैं बादलCLOUD: क्या आप जानते हैं कहां रहते हैं बादल

CLOUD: क्या आप जानते हैं कहां रहते हैं बादल

घूमना…घूमना…और सिर्फ घूमना…हम चाहे कितना ही क्यों ना घूम लें, लेकिन कहीं ना कहीं हमारे मन में बहुत सी जगहों को एक्सप्लोर करने की ख्वाइश रहती है। हर बार यही मन करता है कि, इस बार की छुट्टियों में कहां का रूख किया जाए। या कहें कि, कहां के नजारे लिए जाएं।

पहाड़, ग्रीनरी तो बहुत देख ली। अब बादलों को नजदीक से देखा जाएं। अब आप यही सोच रहे होंगे कि, बादलों को तो हम देखते ही हैं, लेकिन क्या वो हमें नजदीक से दिख पाते हैं, तो इसका जवाब है नहीं.. हमारे और बादलों के बीच बहुत दूरी होती है जिससे शायद हम बादलों की खूबसूरती को ढ़ंग से देख नहीं पाते। वैसे तो हमें पता है भारत में बहुत सी ऐसी खूबसूरत जगहें है जहां जाकर आप ऐसा अनुभव कर सकते हैं,

और खुदको नेचर के बेहद करीब महसूस कर सकते हैं। वैसे आपको एक बात बताऊं जिस जगह की मैं बात कर रही हूं वो जगह पूर्वोतर भारत में है। और ये जगह न सिर्फ आपको धरती पर जन्नत का एहसास करवाती है, बल्कि अपार सुकून भी पहुंचाती है। जी हां मैं बात कर रही हूं मेघालय की।

अब आप समझ ही गए होंगे कि, मैं क्यों आपको कह रही थी आज आपको बादलों की सैर करवाते है। देखिए हिंदी में मेघालय का मतलब मेघ यानी बादलों का घर है। इसके अलावा मेघालय को “पूर्व का स्कॉटलैंड” भी कहा जाता है।
वैसे तो मानसून में मेघालय की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। लेकिन गर्मियों में भी यहां घूमना स्‍वर्ग का एहसास कराता है। तो आइए चलते है मेघालय।

मेघालय में घूमने की जगह

शिलॉन्ग
शिलॉन्ग मेघालय की राजधानी है। ये पूर्वी हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है। शिलॉन्ग को “पूर्व का स्कॉटलैंड” भी कहा जाता था। ये चारों ओर से पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां घूमने के लिए शिलॉन्‍ग व्यू पॉइंट, लैत्कोर पीक, स्प्रेअद ईगल फॉल्स, लेडी ह्य्दारी पार्क और एलिफेंट फॉल्स जैसी कई जगहें मौजूद हैं।

चेरापूंजी
चेरापूंजी ऐसी जगह है जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। इसे बारिश की राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। शिलॉन्‍ग से चेरापूंजी की दूरी केवल 60 किलोमीटर है। यहां घूमने के लिए कई गुफाएं भी हैं जो आपको रोमांचित कर सकती हैं। आप सेवन सिस्‍टर फाल्‍स, नोह कालिकई फाल्स, थेलेन फाल्स, नोह स्निग्थियांग फाल्स जैसी जगहों का दीदार कर सकते हैं।

मावलिननोंग
ये एशिया का सबसे साफ गांव है। बांस के झूले वाले वॉच टावर से बांग्लादेश की सीमा तक को देखा जा सकता है। वहीं दावकी की उमंगोट नदी इतनी साफ है कि, नाव हवा में तैरती हुई सी लगती है। बोट राइड का अनुभव जिंदगी भर याद रहता है।

यहां रहने की सुविधा
शिलॉन्ग, चेरापूंजी, दावकी और मावलिननोंग में होमस्टे, गेस्ट हाउस, बजट होटल और लग्‍जरी रिजॉर्ट्स आपको म‍िल जाएंगे। इसके अलावा मावलिननोंग में आप स्थानीय लोगों के घरों में ठहरने का अनुभव भी ले सकते हैं।

कब घूमने जाएं?
मेघालय घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल-मई तक का होता है। बारिश के दौरान यानी जून से सितंबर में यहां बहुत ज्यादा बारिश होती है।

कुछ खास टिप्स
• ट्रेकिंग शूज साथ रखें, क्योंकि कई जगह चलना पड़ता है।
• बारिश का मौसम हो तो छाता या रेनकोट जरूर रखें।
• कैमरा साथ ले जाएं, क्योंकि हर जगह आपको फोटो खींचने का मन करेगा।
• साफ-सफाई का ध्यान रखें क्‍योंकि मेघालय साफ और हराभरा राज्य है।

मेघालय कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
मेघालय का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट गुवाहाटी (असम) में है। गुवाहाटी से शिलॉन्ग (मेघालय की राजधानी) की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। गुवाहाटी से शिलॉन्ग के लिए टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है।
रेल मार्ग
मेघालय में अभी कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग
गुवाहाटी से शिलॉन्ग के लिए रोजाना बसें, टैक्सी और शेयरिंग कैब मिलती है। यात्रा में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग सकता है।

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