Baby in baby's womb: मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक बेहद आश्चर्यजनक मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने एक ऐसे नवजात को जन्म दिया है, जिसके अंदर एक और बच्चा पल रहा था। यह स्थिति चिकित्सा विज्ञान में "फीटस इन फीटू" के नाम से जानी जाती है, जो बेहद दुर्लभ है और लाखों महिलाओं में से एक को प्रभावित करती है।
मामले की जानकारी
अल्ट्रासाउंड के दौरान पता चला
यह मामला तब उजागर हुआ जब 30 वर्षीय महिला अपनी गर्भावस्था की नौवीं महीने में जांच के लिए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में आई। डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड करते समय महिला के गर्भ में पल रहे नवजात के अंदर एक अन्य बच्चे की मौजूदगी का संदेह व्यक्त किया। इसके बाद उसे और अधिक जांच के लिए मेडिकल कॉलेज बुलाया गया। Baby in baby’s womb
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष, डॉ. पीपी सिंह के अनुसार, जांच में पुष्टि हुई कि महिला के गर्भ में एक नवजात के अलावा एक “टेरिटोमा” (एक प्रकार का ट्यूमर) भी मौजूद है। इस स्थिति ने सभी को चौंका दिया और महिला को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया गया।Baby in baby’s womb
महिला ने सामान्य प्रसव के माध्यम से अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन नवजात को तुरंत जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर उसकी देखभाल कर रहे हैं और उसे बचाने के लिए सर्जरी करने पर विचार कर रहे हैं। नवजात की स्थिति नाजुक है और डॉक्टरों ने उसे बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया है।Baby in baby’s womb
डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की स्थिति न केवल बच्चे के लिए बल्कि माँ के लिए भी बहुत जोखिम भरी होती है। “फीटस इन फीटू” की स्थिति में, अंदर का बच्चा अक्सर विकासात्मक समस्याओं का सामना करता है और उसकी जान को खतरा होता है। Baby in baby’s womb