फरीदाबाद में एक व्यक्ति को महिला के साथ शादी से इनकार करना महंगा पड़ गया। महिला ने अपने बॉयफ्रेंड के हाथ-पैर तुड़वा दिए। उसे इस कदर अधमरा कर छोड़ दिया कि वह मदद के लिए किसी को कॉल तक नहीं कर सका। व्यक्ति 3 बच्चों का बाप है और महिला के पास भी एक बेटी है। महिला का अपने पति के साथ तलाक का केस चल रहा है। गांव सारने के रहने वाले गुलशन बजरंगी ने बताया कि मेरी शादी 2015 में हुई थी। शादी के बाद 3 बच्चे हुए। मैं जवाहर कॉलोनी में मोबाइल की दुकान चलाता था। 2019 में मेरी दुकान पर महिला आई। पहले वह मोबाइल रिपेयर वगैरह कराने के लिए आती रहती थी। वह फरीदाबाद एनआईटी के 2 नंबर इलाके में रहती थी। फिर वह अक्सर दुकान पर आने लगी तो उनके बीच बातचीत होने लगी। फिर दोनों के बीच अच्छी जान-पहचान हो गई। उनके बीच प्रेम संबंध बन गए। 9 साल पहले महिला ने अपने पति को छोड़ दिया। उसने पति पर कोर्ट में तलाक का केस दायर कर दिया। इसी बीच गुलशन भी पत्नी और बच्चों से अलग रहने लगा। उसकी पत्नी-बच्चे सारन गांव में ही रहने लगे। गुलशन ने बताया कि दोनों लिव इन पार्टनर की तरह साथ रहते थे। अचानक महिला कहने लगी कि उससे शादी करो। मैंने महिला को पहले ही बता दिया था कि वह शादीशुदा है। उसके 3 बच्चे भी हैं। महिला फिर भी मुझ पर दबाव डालती रही। इससे परेशान होकर मैंने शादी से इनकार कर दिया। इससे दोनों के बीच झगड़ा हो गया।

गुलशन ने कहा कि जब महिला ने उससे झगड़ा कर लिया तो उसने 29 मार्च को महिला से कहा कि उसने जो साढ़े 21 लाख रुपए लिए हैं, उन्हें लौटा दे। वह रुपए मांगने उसके घर चला गया। गुलशन के मुताबिक वहां महिला के माता-पिता ने उसकी पिटाई की। वह किसी तरह से जान बचाकर वहां से भाग निकला। गुलशन के मुताबिक, इसके बाद महिला के भाई अमित ने उसे कॉल किया। उसने कहा कि घर आकर रुपए ले जाए। जब उसने पहले मारपीट की बात कही तो अमित ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। उसकी बातों में आकर वह चला गया। अभी वह घर के करीब पहुंचा ही था कि गली के बाहर ही बदमाशों ने उस पर हमला कर दिया। उसमें महिला के रिश्तेदार भी शामिल थे। गुलशन के मुताबिक, उस पर डंडे, सरिया और चाकू से हमला किया गया। पीट-पीटकर उसकी हड्डियां तोड़ी गईं। हाथ-पैर भी तोड़ दिए गए। इसके बाद उसे अधमरा वहीं सड़क पर छोड़कर आरोपी भाग गए। इसके बाद राहगीरों ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। गुलशन ने कहा कि पुलिस ने उसे बादशाह खान सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया। मगर, परिजन उसे फरीदाबाद के ही एक प्राइवेट अस्पताल में ले आए, जहां उसका इलाज चल रहा है।

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