उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव के परिणाम में कुंदरकी सीट के परिणाम बेहद चौंकाने वाले हैं। इस सीट पर बीजेपी ने फतह हासिल की है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की इस पर करीब 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इतना ही नहीं कुंदरकी में 12 उम्मीदवारों में से 11 उम्मीदवार मुस्लिम थे। अकेले हिंदू उम्मीदवार रामवीर सिंह बीजेपी के टिकट पर जीत चुके हैं।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या मुसलमानों ने बीजेपी के लिए वोट करना शुरू कर दिया है क्योंकि कुंदरकी सीट पर बीजेपी के रामवीर सिंह को 1,70,371 मत मिले हैं और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद रिजवान को 1,44,791 मतों से हराया है। हाजी रिजवान को महज 25580 वोट मिले हैं जबकि तीसरे स्थान पर रहे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चांद बाबू को 14201 वोट मिले हैं। विपक्षी मुस्लिम उम्मीदवारों के वोटों को मिला भी लें तो आंकड़ा करीब 50 हजार वोटों तक ही पहुंचता है।
बता दें कि, वोटों के लिहाज के हिसाब से बीजेपी के रामवीर सिंह की ये बहुत बड़ी जीत है। दिलचस्प बात ये है कि कुंदरकी विधानसभा सीट में करीब 3.83 लाख वोटर हैं। इनमें मुस्लिम समाज के मतदाताओं की संख्या 2.45 लाख और हिंदू समाज के मतदाताओं की संख्या 1.38 लाख है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी उम्मीदवार को डेढ़ लाख से ज्यादा वोट मिलना ये बताता है कि कुंदरकी के मुसलमानों ने बीजेपी को वोट किया है। ये कहा जाता था कि मुस्लिम समाज के लोग बीजेपी को सपने में भी वोट नहीं करते हैं। हालांकि कुंदरकी में गेम पलट गया और अब सवाल किया जा रहा है कि क्या मुसलमानों ने बीजेपी को अपना लिया है। बता दें कि इस सीट पर 57 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ और जहां 65 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। वहां बीजेपी उम्मीदवार को इतने वोट कैसे मिले।
मतलब साफ है कि हिंदू समाज के अलावा भी भाजपा उम्मीदवार को मुस्लिम समाज के अच्छे खासे मत मिले हैं। कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि यहां के मुसलमानों को मोदी और योगी सरकार की कई योजनाओं का फायदा मिला है। जो पहले उन्हें नहीं मिलता था। वहीं कुछ मुसलमानों का कहना है कि हम बीजेपी को वोट देना चाहते थे लेकिन हमने कभी भी बीजेपी को वोट नहीं दिया क्योंकि हम जानते थे कि कोई हमारा यकीन ही नहीं करेगा।
बीजेपी की जीत के पीछे समाजवादी पार्टी की स्थानीय स्तर पर कलह और गुटबाजी भी कम जिम्मेदार नहीं है। सपा के कई नेता कुंदरकी में सिर्फ रस्म अदायगी के लिए पहुंचे थे और सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान को उनकी किस्मत पर छोड़ दिया गया था। खुद अखिलेश यादव भी सपा कैंप में गड़बड़ियों को मान रहे थे। खैर बात जो भी हो लेकिन अब हकीकत यही है कि मुस्लिम समाज ने बीजेपी के लिए जमकर वोटिंग की है।