हरियाणा के सफीदों से भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने हाल ही में नारनौंद में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह भूपेंद्र हुड्डा से घृणा नहीं करते, बल्कि उन्हें एक अच्छे इंसान के रूप में मानते हैं। गौतम ने यह भी कहा कि यदि वह हुड्डा के खिलाफ कुछ कहते हैं, तो वह उनकी मजबूरी थी, क्योंकि भाजपा की सत्ता में आने के लिए ऐसा कहना जरूरी था।

गौतम ने अपने संबोधन में कहा, “भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रगों में देशभक्त चौधरी रणबीर सिंह का खून है, और मैं उन्हें गलत नहीं मानता। अगर मैं यह नहीं कहता, तो भाजपा की सत्ता में आने का रास्ता नहीं खुलता।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा की जीत में उनकी भूमिका को लेकर अगर किसी को गलतफहमी है, तो वह गलत है। उन्होंने यह कहते हुए भाजपा की जीत को पूरी तरह से सैनी के समर्थन से जोड़ दिया। गौतम के अनुसार, भाजपा की जीत का मुख्य कारण जाट समाज के नेता सैनी थे, और सैनी का मुख्यमंत्री बनना भाजपा के लिए “ट्रंप कार्ड” साबित हुआ।

सैनी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अहम खुलासा

गौतम ने जींद में 2019 के विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तब सार्वजनिक रूप से कहा था कि भाजपा को 50 सीटें मिलेंगी और सैनी मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की आंधी में कांग्रेस का नामोनिशान तक नहीं रहेगा। यह बयान उस समय के राजनीतिक माहौल को दर्शाता है, जब भाजपा ने अपनी जीत के लिए सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था।

मंत्री बनने के लिए संघर्ष और निराशा

रामकुमार गौतम ने अपनी राजनीतिक यात्रा के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच साल से मंत्री पद की दौड़ में हैं, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। 2019 में, जब वह जननायक जनता पार्टी (जजपा) के टिकट पर नारनौंद से चुनाव लड़े थे और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराया था, तब भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकार बन चुकी थी। हालांकि, उन्हें जजपा कोटे से मंत्री नहीं बनाया गया, जिसके बाद गौतम का दुष्यंत चौटाला से विवाद हुआ और उन्होंने चौटाला के खिलाफ बयानबाजी की।

2024 में, गौतम ने भाजपा में शामिल होने के बाद वादा किया था कि वह अगली बार ‘पावरफुल विधायक’ बनेंगे, लेकिन फिर भी भाजपा ने उन्हें मंत्री पद नहीं दिया। विधानसभा में विधायकों की शपथ लेने के दौरान प्रोटेम स्पीकर रघुबीर कादियान ने उन्हें इस बार भी मंत्री नहीं बनने के बारे में टिप्पणी की, जिस पर गौतम ने कहा कि सब कुछ ईश्वर की इच्छा पर निर्भर करता है।

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