श्रीलंका के राष्ट्रपति का बोधगया में भव्य स्वागत किया गया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने मंगलवार को भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल बोधगया का दौरा किया। यह दौरा उनकी तीन दिवसीय भारत यात्रा का हिस्सा है, जिसमें वह विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और बैठकें करेंगे। बोधगया का ऐतिहासिक महाबोधि मंदिर, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है, राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा का प्रमुख आकर्षण रहा।

बोधगया में स्वागत और पूजा अर्चना

दिसानायके के बोधगया पहुंचने पर उन्हें महाबोधि सोसायटी के सदस्यों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत के दौरान गया जिले के डीएम, एसएसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। यह स्वागत स्थल पर एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, जिसमें बोधगया के स्थानीय लोग और अधिकारी राष्ट्रपति के आगमन पर अपनी खुशी और सम्मान व्यक्त कर रहे थे।

इसके बाद, श्रीलंका के राष्ट्रपति महाबोधि मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। महाबोधि मंदिर में राष्ट्रपति के दर्शन और विशेष पूजा अर्चना के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मंदिर परिसर में प्रवेश के समय आम श्रद्धालुओं को कुछ समय के लिए मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया था, ताकि राष्ट्रपति की यात्रा बिना किसी अवरोध के संपन्न हो सके।

सुरक्षा और पुलिस की तैयारी

राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे। गया जिले की पुलिस और प्रशासन ने इस दौरे को लेकर व्यापक सुरक्षा योजना बनाई थी। एयरपोर्ट से लेकर महाबोधि मंदिर तक के रास्ते को पुलिस ने पूरी तरह से घेर लिया था, और अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया था। राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बोधगया में स्थित विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे।

यात्रा के दौरान, आम नागरिकों के लिए बोधगया के प्रमुख रास्ते बंद कर दिए गए थे। यह सुनिश्चित किया गया था कि राष्ट्रपति की यात्रा में कोई व्यवधान न आए और उनके सुरक्षा स्तर को बनाए रखा जाए। राष्ट्रपति के आगमन से पहले, जिला प्रशासन ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा के दौरान होने वाली असुविधाओं के बारे में सूचित किया गया था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति का बोधगया में भव्य स्वागत किया गया।

महाबोधि मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं की प्रवेश रोक

राष्ट्रपति दिसानायके के मंदिर में दर्शन करने के समय, सुबह 10:30 बजे तक महाबोधि मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था। इसके बाद, जब राष्ट्रपति ने मंदिर से प्रस्थान किया, तो सामान्य श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर सके। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया था, ताकि राष्ट्रपति की पूजा-अर्चना बिना किसी व्यवधान के हो सके।

भारत दौरे की पृष्ठभूमि

यह श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की पहली आधिकारिक विदेश यात्रा है, जो उन्होंने सितंबर में पदभार संभालने के बाद की है। भारत के साथ श्रीलंका के संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं, और राष्ट्रपति दिसानायके की यह यात्रा दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

भारत यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति दिसानायके ने दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों में द्विपक्षीय संबंधों, आर्थिक सहयोग, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा की गई। भारत और श्रीलंका के बीच कई दशक पुराने रिश्ते हैं, और इस यात्रा का उद्देश्य इन संबंधों को और सुदृढ़ बनाना है।

भारत में श्रीलंकाई राष्ट्रपति का स्वागत

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपने भारत दौरे की शुरुआत राष्ट्रपति भवन से की। वहां उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच पारस्परिक सहयोग और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, अन्य भारतीय नेताओं से भी उनकी मुलाकातों का आयोजन किया गया, जिसमें भारत और श्रीलंका के बीच बेहतर कूटनीतिक संबंधों की बात की गई।

भारत में श्रीलंकाई राष्ट्रपति की यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार, पर्यटन, शिक्षा, और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। श्रीलंका और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए, यह यात्रा दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का एक अवसर है।

बौद्ध धर्म और बोधगया का महत्व

बोधगया, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां स्थित महाबोधि मंदिर, यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस मंदिर के परिसर में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, और यह स्थल बौद्ध धर्म के प्रचारक व अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है।

बोधगया में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो यहां भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना करते हैं और शांति की प्राप्ति के लिए ध्यान साधना करते हैं। विशेष रूप से दिसंबर माह में, बौद्ध देशों से भारी संख्या में श्रद्धालु बोधगया आते हैं। यह यात्रा विशेष रूप से उन देशों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जिनका बौद्ध धर्म से गहरा संबंध है, जैसे श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, और जापान।

दिसानायके का आगामी कार्यक्रम

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बोधगया के दौरे के बाद भारत में अपनी यात्रा के अगले चरण की ओर रुख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख नेताओं से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उपाय शामिल थे।

यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत और सशक्त रिश्तों की दिशा में एक और कदम मानी जा रही है। विशेष रूप से श्रीलंकाई राष्ट्रपति का बोधगया दौरा, जो कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रदर्शित करता है।

 

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