Delhi: दिल्ली कांग्रेस के पांच बार के विधायक मतीन अहमद ने रविवार (10 नवंबर) को कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। मतीन अहमद का AAP में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि वे दिल्ली के एक प्रमुख मुस्लिम नेता रहे हैं और उनकी विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रही है।
अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत
मतीन अहमद के AAP में शामिल होने की प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण रही। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद मतीन अहमद के घर जाकर उन्हें पार्टी में शामिल किया। इस दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन भी उनके साथ मौजूद थे। अरविंद केजरीवाल द्वारा मतीन अहमद को पार्टी में शामिल करवाना यह संकेत देता है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतीन अहमद के परिवार को टिकट मिलने की संभावना है।Delhi
मतीन अहमद दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। उन्होंने 1993 से लेकर 2015 तक दिल्ली विधानसभा के सीलमपुर क्षेत्र से पांच बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मतीन अहमद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं और उन्हें शीला दीक्षित सरकार के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्त किया गया था। वे दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं।Delhi
सीलमपुर क्षेत्र में मतीन अहमद की मजबूत पकड़ मानी जाती है, खासकर मुस्लिम मतदाताओं में। दिल्ली में मुस्लिम मतदाता प्रभाव वाले करीब दस विधानसभा क्षेत्रों में उनकी अच्छी पहचान और समर्थन रहा है। मतीन अहमद के AAP में शामिल होने से यह साफ हो गया है कि पार्टी को इस क्षेत्र में एक मजबूत कदापि नेता मिल गया है, जो चुनाव में अहम भूमिका निभा सकता है।Delhi
तीन दशकों से सक्रिय राजनीतिक करियर
मतीन अहमद का राजनीतिक करियर 1993 से शुरू हुआ, जब उन्होंने जनता दल के टिकट पर दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा। उस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार जय किशन दास गुप्ता को 1,438 वोटों से हराया। हालांकि, 1996 में मतीन अहमद ने जनता दल छोड़कर कांग्रेस पार्टी जॉइन की। इसके बाद, 1998 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, लेकिन मतीन अहमद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बीजेपी के उम्मीदवार को 16,375 वोटों से हराकर जीत हासिल की। इसके बाद मतीन अहमद ने कांग्रेस के टिकट पर 2003 और 2008 में चुनाव जीते और दिल्ली विधानसभा के सदस्य बने।Delhi
मतीन अहमद के AAP में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि वे दिल्ली कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता थे। उनके छोड़ने से कांग्रेस को न सिर्फ एक अनुभवी विधायक, बल्कि दिल्ली के मुस्लिम समुदाय में अपनी पकड़ भी खोनी पड़ी है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में होने वाले हैं और सभी पार्टियां अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी हुई हैं।Delhi
मतीन अहमद के AAP में शामिल होने के साथ ही आम आदमी पार्टी की ताकत और बढ़ गई है। पार्टी अब दिल्ली में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम नेता को अपनी टीम में शामिल करने के बाद अपने चुनावी दांव को और मजबूत मान रही है। इससे पहले, दिवाली के दौरान मतीन अहमद के बेटे और कांग्रेस के बाबरपुर जिलाध्यक्ष चौधरी जुबेर और शगुफ्ता चौधरी (कांग्रेस पार्षद) ने भी आम आदमी पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया था, जो कांग्रेस के लिए और भी बड़ा झटका साबित हुआ।Delhi