महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले ही सियासी पार्टियों को विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है। दरअसल महाराष्ट्र के एग्जिट पोल्स में यहां टाइट फाइट की बात कही गई है। वहीं, इसके बाद से सभी दलों को लग रहा है कि यदि सरकार बनाने के लिए करीबी आंकड़े तक दोनों गठबंधन हुए तो फिर टूट-फूट हो सकती है। यहीं वजह है कि बीजेपी खुद भी डरी हुई लग रही है। दोनों गठबंधन के बड़े नेता भी अलर्ट पर नजर आ रहे हैं अपने और सहयोगी दलों के सभी विधायकों को साधे रखने की कोशिश शुरू कर दी है।
अगर बात करें महाविकास अघाड़ी की करें तो संजय राउत, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और एनसीपी-एसपी के जयंत पाटिल ने मीटिंग की। इस दौरान ये चर्चा हुई है कि अगर करीबी मुकाबला रहा तो फिर बीजेपी और एकनाथ शिंदे दूसरे दलों को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी चर्चा की गई है कि महाविकास अघाड़ी को टूटने से बचाने के लिए अपने जीतने वाले विधायकों को पहले ही बाहर भेज दिया जाए। मीटिंग में तय हुआ है कि ज्यादातर विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों में भेजा जाए।
वहीं, इन विधायकों को शनिवार की शाम तक ही बाहर भेज जा सकता। इन नेताओं को तभी बुलाया जाएगा, जब सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया जाए या फिर दूसरा गठबंधन ही सरकार बनाने की स्थिति में हो। इसके अलावा निर्दलीय और छोटे दलों से भी संपर्क साधा जा रहा है। ऐसा इसलिए ताकि करीबी मुकाबला हुआ तो पहले ही विधायकों का जुगाड़ करके दावा ठोका जा सके।
कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने दावा किया कि सरकार हमारी ही बनेगी और एग्जिट पोल्स एक बार फिर से गलत साबित होंगे। उन्होंने कहा कि तैयारियां तेज हैं और नतीजों में यदि टाइट फाइट दिखी तो फिर शनिवार की शाम को विधायकों को भेज दिया जाएगा। उधर बीजेपी को भी गठबंधन के टूटने का डर सता रहा है। अगर बहुमत में 19-20 का फर्क रहता है गठबंधन के कुछ नेता अपने पूराने गठूबंधन में वापस जा सकते हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र बीजेपी के बड़ने नेता इन सभी पर नजर बनाए हुए हैं । चर्चा है कि लड़की-बहन योजना से भाजपा की लीडरशिप वाले महायुति को फायदा होगा। यही नहीं वोट प्रतिशत ज्यादा होने को भी बीजेपी ने अपने फायदे से जोड़ा है।
देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि ज्यादा वोट पड़ना हमेशा हमारे लिए फायदे में होता है। हांलाकि महाराष्ट्र की सत्ता पर काबित कौन होगा ये तो रिजल्ट के बाद ही पता चल पाएगा।