Mau: मऊ में नाराज क्रिकेट खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का पुतला जलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। उनका आरोप है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) में चयन प्रक्रिया में भेदभाव किया जा रहा है, खासकर पूर्वांचल के खिलाड़ियों के साथ। प्रदर्शन के दौरान खिलाड़ियों ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चयनकर्ताओं द्वारा अपनी पसंद के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके चलते पूर्वांचल के खिलाड़ी टीम में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
यूपी चयनकर्ताओं पर आरोप
खिलाड़ियों का कहना है कि कुछ जिला एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने प्रभाव का उपयोग कर अपने जिले के खिलाड़ियों को यूपी टीम में शामिल करवाने का प्रयास कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि यूपीसीए के चयनकर्ता भी इसी दबाव में आकर टीम का चयन कर रहे हैं, जो कि अनैतिक है। खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि यूपी में कुल 75 जिले हैं, लेकिन यूपीसीए ने केवल 41 जिलों को मान्यता दी है, जिससे उनके साथ अन्याय हो रहा है।Mau
मांगें और धरना-प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान, क्रिकेट प्लेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवबचन यादव ने कहा कि पूर्वांचल के खिलाड़ियों की सबसे बड़ी मांग है कि यूपी क्रिकेट टीम में 25 प्रतिशत कोटा पूर्वांचल के खिलाड़ियों के लिए सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने एक नई क्रिकेट एसोसिएशन, “क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पूर्वांचल,” की मान्यता की भी मांग की। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो उन्होंने चेतावनी दी कि वे धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे।Mau
चयन में भेदभाव का आरोप
खिलाड़ियों का कहना है कि पूर्वांचल के जिलों के खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी अंडर-16, 19, 23 पुरुष और महिला टीम में शामिल नहीं किए जाते हैं। यदि किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल किया भी जाता है, तो उसे खेलने का अवसर नहीं दिया जाता। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यूपी टीम में मेरठ, गाजियाबाद, मुरादाबाद और अन्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि पूर्वांचल के जिलों के खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।Mau