बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है। सोमवार सुबह फिर से आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसमें कई दुकानों और घरों को नुकसान पहुंचा। बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में भी आग लगाई गई, जबकि वाहनों को भी जला दिया गया।
सोमवार सुबह रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद बहराइच में एक समुदाय के लोग भड़क उठे। इसके परिणामस्वरूप, प्रदर्शनकारियों ने हाथ में डंडे और लाठियाँ लेकर सड़कों पर उतरकर हिंसा का सहारा लिया। भीड़ ने बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में आगजनी की, साथ ही कई दुकानों और वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया।
इससे पहले, बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा का पोस्टमार्टम सुबह सात बजे पूरा हुआ। पोस्टमार्टम के बाद, शव को उनके घर की ओर रवाना किया गया। इस घटना ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया है, जिसके चलते महराजगंज और महसी क्षेत्रों के सभी निजी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
मुख्य आरोपी सलमान समेत 25 लोगों को बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने देर रात कई लोगों पर एफआईआर दर्ज की, जबकि सूत्रों के अनुसार 20 से 25 लोग हिरासत में लिए गए हैं। दूसरी ओर, पूजा कमेटी ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़ियल रुख अपनाया है, और आरोपियों को फांसी देने के नारे सड़कों पर गूंजते रहे।
बहराइच के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया है। गाने को लेकर एक समुदाय के युवकों द्वारा पथराव करने से दुर्गा प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई। इस घटना के बाद पूजा समिति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप दूसरे समुदाय के लोगों ने रामगोपाल मिश्रा (24) को घर के अंदर खींच लिया और गोली मार दी। रामगोपाल को बचाने गए राजन (28) भी गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस घटना के बाद पूरे जिले में तनाव फैल गया। विसर्जन कमेटी के सदस्यों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम लगाकर प्रदर्शन किया, जिससे बहराइच-लखनऊ हाईवे भी बाधित हो गया। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में बल तैनात किया है, लेकिन आक्रोशित लोगों की भीड़ ने कई जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की है।
शहर के कई स्थानों पर प्रतिमा विसर्जन रोक दिया गया है। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए छह थानों की पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया है। गोंडा और बलरामपुर में स्थिति अभी नियंत्रण में बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार शाम महसी तहसील की प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाई जा रही थी, जब महराजगंज कस्बे में स्थानीय निवासी अब्दुल हमीद अपने बेटों सबलू, सरफराज और फहीम के साथ मौके पर पहुंचे और गाली गलौज करने लगे। प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद छतों से पथराव शुरू कर दिया गया।
इस स्थिति के बाद, पूजा समिति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। उपद्रव को बढ़ता देख बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। प्रशासन स्थिति को सामान्य करने के लिए प्रयासरत है।
पूजा समिति के सदस्यों का कहना है कि जब विवाद शुरू हुआ, तब स्थानीय थाना अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके चलते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई और इसी दौरान रामगोपाल को दूसरे समुदाय के लोगों ने उठा लिया।
बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला और अन्य उच्च अधिकारी महराजगंज में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं, और पूरे कस्बे को सील कर दिया गया है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि हालात को नियंत्रण में लाने के लिए एडीजी जोन गोरखपुर केएस प्रताप कुमार और डीआईजी रेंज देवीपाटन अमरेंद्र प्रताप सिंह को घटनास्थल पर भेजा गया है। प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महसी तहसील की प्रतिमा शांतिपूर्वक विसर्जन के लिए जा रही थी। जब यह महराजगंज कस्बे में पहुंची, तो वहां के निवासी सोनार अब्दुल हमीद अपने बेटों सबलू, सरफराज और फहीम के साथ पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। जब प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया, तो छतों से पथराव शुरू हो गया।
इसके बाद, पूजा समिति के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। आरोप है कि इस दौरान हमीद और उनके साथ मौजूद हजारों की भीड़ मौके पर पहुंच गई, जिससे स्थिति और अधिक बिगड़ गई और उपद्रव शुरू हो गया। यह घटना तनाव को बढ़ाती गई, जिससे पूरे क्षेत्र में अराजकता फैल गई।