हरियाणा के रेवाड़ी में भारतीय वायुसेना के वीर पायलट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सिद्धार्थ यादव गुजरात में हुए एक जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर जब रेवाड़ी स्थित उनके पैतृक घर पहुंचा, तो हजारों लोग अंतिम सम्मान अर्पित करने के लिए एकत्रित हो गए। इस मौके पर पूर्व सैनिकों ने भी उन्हें सलामी दी और तिरंगा हाथों में लेकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
सिद्धार्थ की मंगेतर सोनिया का दुख देखकर सभी की आंखों में आंसू थे। वह अपने आंसुओं को नहीं रोक सकी और बार-बार यही कहती रही, “प्लीज एक बार मुझे उसकी शक्ल दिखा दो,” और इसके साथ ही वह यह भी कह रही थी, “बेबी तू आया नहीं मुझे लेने, तू बोलकर गया था कि तुझे लेने आऊंगा।” यह भावुक दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और सिद्धार्थ और सोनिया के रिश्ते की गहरी भावना को दर्शाया।
सिद्धार्थ का परिवार सेना से जुड़ा हुआ था। उनके पिता, सुशील यादव, भारतीय वायुसेना में सेवा दे चुके थे, और उनके दादा व परदादा भी सेना में थे। सिद्धार्थ के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह हमेशा अपने बेटे पर गर्व करेंगे, क्योंकि वह एक मेधावी छात्र था और उसने अपनी जान उस वक्त गंवाई जब उसने किसी की जान बचाने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा, “दुख इस बात का है कि वह मेरा इकलौता बेटा था।” सिद्धार्थ की एक छोटी बहन भी है, और परिवार इस अपार क्षति से गहरे शोक में डूबा हुआ है।
सिद्धार्थ 31 मार्च को जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचे थे, और एक सप्ताह पहले ही उनकी सगाई हुई थी। 1 अप्रैल की रात करीब 11 बजे, उनके पिता को कमांडिंग एयर ऑफिसर का फोन आया और विमान दुर्घटना के बारे में बताया। दुर्घटना में एक पायलट को बचा लिया गया, लेकिन सिद्धार्थ की शहादत हो गई।
सिद्धार्थ यादव का निधन उनके परिवार, दोस्तों और पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने साहस, निष्ठा और देशभक्ति से एक प्रेरणा दी है, और उनकी वीरता हमेशा याद रखी जाएगी।
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