दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एलजी हाउस जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। यह घटनाक्रम दिल्ली शराब नीति (Delhi Liquor Policy) विवाद और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आया है।

अरविंद केजरीवाल ने आज अपराह्न 4:30 बजे दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) को अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफे के दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की, जिससे उनके इस्तीफे की वजह और इसके पीछे की सियासी रणनीति पर चर्चा जारी रही।

दिल्ली शराब नीति के विवाद ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी थी। केजरीवाल पहले जेल गए थे और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बाहर आए थे। जमानत के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया।

आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दल की बैठक में आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। आतिशी ने अपने बयान में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी को करारा तमाचा मारा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने एक ईमानदार व्यक्ति को बिना सबूत के जेल में रखा।

अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी की नियुक्ति से दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नई मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी किस तरह की रणनीति अपनाएगी और दिल्ली के विकास और प्रशासन में कौन से नए पहलू सामने आएंगे।

इस इस्तीफे के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों और विश्लेषकों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। आम आदमी पार्टी के इस बदलाव से दिल्ली में आगामी चुनावों और सियासी समीकरणों पर प्रभाव पड़ सकता है।

दिल्ली की जनता को केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी की नियुक्ति से काफी उम्मीदें हैं। यह देखना होगा कि नई सरकार कैसे जनता की समस्याओं को हल करती है और विकास की दिशा में कैसे कदम उठाती है।

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