हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी तीसरी बार सत्ता में काबिज हो गई है पिछले 15 सालों में बीजेपी दावा करती आ रही है हरियाणा में शिक्षा का स्तर ऊंचा हुआ है सरकारी स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या के साथ साथ सुविधा पहले से बेहतर हुई है लेकिन इन सभी दावों को लेकर हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान समय में कांग्रेस की लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा की शिक्षा नीति, स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर तमाम सवाल उठाए है और उन्होंने सरकार की ओर से किए गए वादों को झूठा बताया है
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने अपने एक स्टटमेंट में हरियाणा की शिक्षा नीति की पोल खोल दी उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में शिक्षा का स्तर काफी खराब है स्कूलों में टीचर्स नहीं है सरकारी स्कूलों में वर्तमान समय में छात्र-छात्राओं की संख्या कम हो रही है कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने बताया कि प्रदेश के 37 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है और 274 स्कूलों में 10 से भी कम बच्चे है हालांकि अगर ये आंकड़े सही है तो ये चौकाने वाले है क्योंकि हरियाणा सरकार लगातार बड़े-बड़े मंचों से दांवे करती है हरियाणा के स्कूलों को बेहतर किया है लेकिन कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के आरोप गंभीर है
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार न तो शिक्षकों की भर्ती कर रही है, न ही सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधार के लिए कोई कदम उठा रही है, उन्होंने कहा कि बच्चे मजबूर होकर स्कूल छोड़ रहे हैं। जब स्कूलों में शिक्षक और सुविधाएं ही नहीं होंगी, तो कौन रहेगा ? फिर सरकार कहेगी कि स्कूल खाली हैं और उन्हें बंद कर देगी।
कुमारी सैलजा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मांग की जो 15 हजार के करीब शिक्षकों के पद खाली पड़े है उन्हे सरकार भरने का काम करे स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो ताकि निजी स्कूल की जगह बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ना पंसद करे साथ ही उन्होंने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के उस स्टेटमेंट का भी जिक्र किया जिसमे उन्होंने दावा किया था एक अप्रैल से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा।
बहरहाल कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने आंकड़ों के साथ अपने तथ्य रखे है. कांग्रेस दावा कर रही है हरियाणा के सरकारी स्कूलों की हालात खराब है अगर ये सच्चाई है तो प्रदेश सरकार पर ये बड़ा सवाल खड़ा करती है क्योंकि पिछले 15 सालों से हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और उसके बाद भी अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी बच्चों को सुविधा नहीं मिलना कही ना कही सबका साथ सबका विकास के दांवे पर बड़ा ? लगती है।