महाकुंभ मेला 2025 इस बार पूरे देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है, और इस अवसर पर अभिनेता अनुपम खेर ने भी आस्था की डुबकी लगाने का निर्णय लिया। 22 जनवरी को उन्होंने प्रयागराज में स्थित पवित्र संगम में गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल पर स्नान किया। लेकिन इस स्नान के दौरान अनुपम खेर का दिल भावुक हो गया और उनके आंसू छलक पड़े। इसके साथ ही उन्होंने एक अद्भुत संयोग का जिक्र भी किया, जिसे जानकर हर कोई हैरान रह गया।
महाकुंभ में भावुक होते अनुपम खेर
अनुपम खेर ने महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में वे संगम में स्नान करते हुए बेहद भावुक नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस स्नान के दौरान उनकी आंखों से आंसू बहने लगे, और ये अनुभव उनके लिए एक महत्वपूर्ण और जीवन बदलने वाला पल बन गया। उन्होंने कहा, ‘‘महाकुंभ में गंगा स्नान करके मेरी जिंदगी सफल हो गई है।’’
इस पवित्र स्नान के बाद अनुपम खेर ने जो बात साझा की, वो किसी संयोग से कम नहीं थी। अभिनेता ने बताया कि आज के दिन यानी 22 जनवरी को ही एक साल पहले उन्होंने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठान के दिन आस्था और श्रद्धा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्य किया था। इस संयोग को लेकर वे खुद भी हैरान थे। ये वो दिन था, जब श्रीराम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी की गई थी, और आज के दिन महाकुंभ में गंगा स्नान ने अनुपम खेर के लिए एक नई spiritual ऊर्जा का अहसास कराया।
महाकुंभ स्नान का आध्यात्मिक अनुभव
महाकुंभ में डुबकी लगाने का अनुभव हर किसी के लिए विशेष होता है। अनुपम खेर ने बताया कि जब वे संगम में डुबकी लगाते हुए मां गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर पहुंचे, तो उन्होंने मंत्रोच्चारण किया और ये अनुभव उनके लिए एक तरह से आध्यात्मिक आशीर्वाद से कम नहीं था। अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रार्थना करते-करते आंसू अपने आप बहने लगे।’’
उनके लिए ये एक आध्यात्मिक उत्थान और आस्था की जीत की तरह था। गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम में स्नान करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ये मानसिक शांति और शुद्धि का प्रतीक भी है। अनुपम खेर का ये अनुभव दर्शाता है कि जब हम अपने जीवन में आस्था और विश्वास से कदम बढ़ाते हैं, तो हर संयोग हमारे लिए विशेष बन जाता है।
सनातन धर्म की महिमा का बखान
अभिनेता अनुपम खेर ने महाकुंभ में गंगा स्नान के अनुभव के बाद अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में सनातन धर्म की महिमा का बखान किया और लिखा, “सनातन धर्म की जय!” उन्होंने इस संयोग को बहुत ही पवित्र माना और इसे अपने जीवन के सफलतम पलों में से एक बताया। अनुपम खेर का ये बयान इस बात को दर्शाता है कि उनका धार्मिक दृष्टिकोण और आस्था कितना गहरा है।
एक ऐतिहासिक और धार्मिक अनुभव
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि ये एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। हर बार जब कुंभ मेला आयोजित होता है, लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ गंगा में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। ये अवसर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ये मानवता, भाईचारे और एकता का प्रतीक भी बनता है। महाकुंभ में भाग लेने से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि एक आस्था और विश्वास का पुनर्निर्माण भी होता है। अनुपम खेर का महाकुंभ में गंगा स्नान और उनके साथ जुड़ी संयोग की कहानी हमें ये समझाती है कि जीवन में छोटे-छोटे पल कितने महत्वपूर्ण होते हैं। जब हम किसी धार्मिक और आस्थापूर्ण कार्य में भाग लेते हैं, तो वो हमारे जीवन के साथ गहरे संबंध बना सकता है। अनुपम खेर का अनुभव न केवल एक व्यक्तिगत यात्रा का हिस्सा है, बल्कि ये हमें ये भी सिखाता है कि हमारी आस्था और विश्वास हमें जीवन में सफल और संतुष्ट बना सकते हैं।
महाकुंभ का ये अद्भुत अनुभव अनुपम खेर के लिए एक जीवनभर याद रखने वाली घटना बन गई, और इसने उन्हें एक नए दृष्टिकोण से जीवन को देखने का अवसर प्रदान किया।
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